इमरान खान / नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं. इसके साथ ही लोगों की उम्मीदें भी जगने लगी हैं. नई सरकार से दिल्ली की केंद्रीय यूनिवर्सिटी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों की क्या उम्मीदें, इसे टटोल ने का प्रयास किया ‘आवाज द वाॅयस’ ने. छात्रों ने लगभग एक सुर से रोजी-रोजगार को प्राथमिकता देने पर बल दिया.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी कर रहे उत्तर प्रदेश अमरोहा के मुनव्वर कहते हैं, नरेंद्र मोदी को अपने तीसरे कार्यकाल में निजीकरण पर कम जोर देना चाहिए. इसकी जगह पब्लिक सेक्टर को बढ़ावा दिया जाए. वक्त के हिसाब से पब्लिक सेक्टर और निजीकरण में संतुलन जरूरी है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को गरीब कल्याणकारी योजनाओं को और रफ्तार देना चाहिए ताकि आम गरीब जनता तक इसकी पहुंच मजबूत हो. इससे जनता का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ेगा. खासकर हाशिये पर आ चुकी आवाम को मुख्यधारा में लाने का यह बेहतर मौका है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से जनसंचार में मास्टर कर रहे उत्तर प्रदेश शामली के मुदस्सिर बताते हैं, सरकार को विश्वविद्यालयों की व्यवस्था और बेहतर बनाने पर जोर देना चाहिए ताकि देश के छात्र उच्च शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन कर सकें.
सरकार समनुरूप विवि में नए कोर्स लाए. अगर हमें दुनिया से मुकाबला करना है तो शिक्षा व्यवस्था और बेहतर करनी पड़ेगी.आवाज द वॉयस से इस मसले पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग विभाग के रजा और यासिर ने भी बात की.
रजा उत्तर प्रदेश के अमेठी के रहने वाले हैं. उनकी राय में-सरकार को ठोस कार्य करने चाहिए. अग्निवीर जैसी योजनाओं से परहेज करना चाहिए. देश के दुश्मन के बढ़ते खतरे को देखते हुए सेना को और मजबूत करने की आवश्यकता है. आर्मी में और भर्तियां निकाली जाएं.अग्निवीर योजना को लेकर युवा वर्ग संतुष्ट नहीं है.
उन्हांेने पीएम नरेंद्र मोदी से पेपर लीक जैसी समस्या से सख्ती से निपटने पर भी जोर लिया. कहा कि इससे युवा के कई साल बर्बाद हो जाते हैं.मुरादनगर के यासिर ने बीजेपी और सरकार में मुस्लिम भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि कोई भी समुदाय अपने आप को अलग महसूस न करे. मजबूत लोकतंत्र के लिए सत्ता में सबकी भागीदारी जरूरी है.
यासिर ने आगे कहा, पिछले 10 सालों में सरकार ने स्टार्टअप पर काफी जोर दिया है. यह अच्छी है. इससे जॉब की कमी दूर की जा सकती है, पर ज्यादातर स्टार्ट अप सर्विस देने वाले हैं. सरकार मैन्युफैक्चरिंग स्टार्ट अप को आगे बढ़ाए ताकि और अधिक नौकरियां पैदा हों.
जामिया से राजनीति विज्ञान से मास्टर कर रहे शाहिद जो एक किसान परिवार से आते हैं, ने कहा कि सरकार को किसानों के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है. किसानों की पूरानी मांगें मानी जानी चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पुराने कार्यकाल में किसान फसल बीमा योजना निकाली, जो अच्छी है. मगर उसका लाभ सभी किसानों को नहीं मिल रहा है. सरकार देखे कि इसे जमीन पर सफलतापूर्वक कैसे उतारा जाए.
देश का किसान परेशान है. उसे फसलों के सही कीमत नहीं मिल रही है. आवारा पशु खेतों में खड़ी उनकी मेहनत की फसल खराब कर जाते हैं. प्रधानमंत्री मोदी किसानों की इन समस्याओं पर भी सोचे.