अफगानिस्तान को मान्यता पर तालिबान के साथ कोई बातचीत नहींः रूस

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
मारिया जखारोवा
मारिया जखारोवा

 

मॉस्को. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने गुरुवार को कहा कि रूस में एक दूत भेजने के उसके फैसले पर मास्को को तालिबान की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है और तालिबान की सरकार को अभी मान्यता देने का सवाल ही नहीं है. 

स्पुतनिक ने जखारोवा के हवाले से बताया, ‘हमें अफगान पक्ष से, अफगान सरकार से रूस में एक दूत भेजने के उनके निर्णय के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है. अंतरिम सरकार की मान्यता पर अफगान अधिकारियों के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है. तालिबान हमारे रुख के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ है. यह रुख कई स्थितियों पर आधारित है.’

उसने उल्लेख किया कि तालिबान को वैध सरकार की स्थापना, देश में आतंकवादी और चरमपंथी मुद्दों के समाधान, अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए प्रभावी उपायों को अपनाने, मानवाधिकार मानदंडों का पालन करने और अन्य सहित कई बार शर्तों के बारे में सूचित किया गया था.

अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को अभी तक किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है. गुलाम इसाकजई, जिन्हें अब अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का दूत नियुक्त किया गया था और तालिबान के अधिग्रहण के बाद भी इस पद पर बने रहे, ने इस्तीफा दे दिया है.

सितंबर में, तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया और सूचित किया कि इसाकजई का मिशन पूरा हो गया है और ‘वह अब अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.’

तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र को आगे सूचित किया था कि शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया है और अनुरोध किया कि वे उसकी मंजूरी के साथ आगे बढ़ें.

इसाकजई ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबान की बार-बार आलोचना की है.