उदयपुर हत्याकांड: जुमे के खुतबे में उलेमा बोले -सजा आप नहीं, अल्लाह देगा

Story by  फैजान खान | Published by  [email protected] • 1 Years ago
उदयपुर हत्याकांड: जुमे के खुतबे में उलेमा बोले -सजा आप नहीं, अल्लाह देगा
उदयपुर हत्याकांड: जुमे के खुतबे में उलेमा बोले -सजा आप नहीं, अल्लाह देगा

 

फैजान खान एवं ब्यूरो  रिपोर्ट /आगरा / नई दिल्ली

नूपुर शर्मा के पैगंबर इस्लाम के खिलाफ की गई अवैध टिप्पणी के बाद दो मुस्लिम युवकों द्वारा उदयपुर में कन्हैया लाल की गर्दन काट कर हत्या करने की चौतरफा आलोचना हो रही है. उलेमा और दूसरे मुस्लिम संगठन भी इसे इस्लाम और हजरत मोहम्मद के उपदेशों के विरुद्ध बता रहे हैं.

उदयपुर की वीभत्स घटना का जिक्र शुक्रवार को जुमे के खुतबे में भी किया गया. देश के विभिन्न मस्जिदों में इस घटना की पुरजोर मजम्मत की गई.आगरा के नहर वाली मस्जिद में जुमे के खुत्बे के दौरान इस्लामिक पीस एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हाजी मोहम्मद इकबाल ने कहा कि आज के खुतबे में उदयपुर की घटना पर बात करना जरूरी है .

हम इस घटना की पुरजोर मजम्मत करते हैं. सरकार को जालिमों को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए . हमारे मुल्क के कानून के हिसाब से सजा मिले.खुतबे में कहा गया, देश और पूरी दुनिया में कोई भी मुसलमान जुल्म को सही नहीं ठहरा सकता. इस हत्याकांड से मुसलमान दुखी हैं.

इस्लामिक पीस एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के प्रेसीडेंट हाजी मोहम्मद इकबाल ने कहा, इस बारे में हमें पता होना चाहिए कि बुखारी हदीस संख्या 3231में है कि जब पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने तैफ की सफर के दौरान तैफ के लोगों को अल्लाह का संदेश दिया, तो उन्होंने इसे सुनने से इनकार कर दिया.

लोगों ने उन पर पत्थर फेंके. उन पर इतना पथराव किया गया कि लहूलुहान हो गए. फिर अल्लाह ने उनके पास एक फरिश्ता भेजा . फरिश्ते ने कहा, ऐ अल्लाह के नबी! आप कहें तो मैं तैफ के पहाड़ों को इन जालिमां पर ढाह दूं. इसपर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरिश्ते को ऐसा करने से मना किया.

हाजी मोहम्मद इकबाल ने कहा कि जो कोई पैगंबर से प्यार करने का दावा करता है, वह किसी को कैसे मार सकता है और कह सकता है कि हमने पैगंबर के प्यार में ऐसा किया है. दुनिया में कोई भी मुसलमान उस हत्यारों का समर्थन नहीं करेगा.

उन्होंने कहा, रही बात सजा देने की तो तुम्हें किसने हक दिया है. सजा देने का काम सिर्फ अल्लाह का है, न कि बंदों का.उन्होंने कहा, उदयपुर की घटना की हर किसी को आलोचना करनी चाहिए. हम कन्हैयालाल के परिवार के प्रति सहानुभूति रखते हैं. सरकार से मांग करते हैं कि इस गुनाह के गुनहगार दोनों नौजवानों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.

साथ ही हिंदुस्तान के सभी भाइयों से अपील है कि इंसानियत और भाईचारे को खराब न होने दें. आपस में मोहब्बत और अखलाक बनाए रखें. अल्लाह हमें अच्छे काम की नसीहत दे. लोग मदद करने में हमें हमेशा आगे रहे.

देश के अन्य हिस्सों में जुमे की नमाज में इमामों ने कहा कि इस्लाम हिंसा की निंदा करता है. अहिंसा, सहिष्णुता और सद्भाव और एक दूसरे के लिए सम्मान को बढ़ावा देता है. इस्लाम विशेष रूप से कहता है कि अल्लाह हमलावरों से नफरत करता है, इसलिए ऐसे मत बनो.

इमामों ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने कहा, क्या आप जानते हैं कि दान और उपवास और प्रार्थना से बेहतर क्या है? लोगों के बीच शांति और अच्छे संबंध बनाए रखना. संघर्ष और बुरी भावनाएं मानव जाति को नष्ट कर देती है.

कुरान के अनुसार, शांति साधनों से ही संभव है. इस्लाम ने किसी भी कारण से, धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक, निर्दोषों की हत्या निषिद्ध बताया है. विरोध प्रदर्शन भी अहिंसक होना चाहिए. इस्लाम के अनुसार, आपको किसी की हत्या की इजाजत नहीं .

यह निर्दोष की हत्या और प्रताड़ित करने के सख््त खिलाफ है. हालांकि कई आतंकी संगठन अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के नाम का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे संगठन इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं. पूरी दुनिया में निर्दोषों पर ऐसे संगठनों के हमलों का कोई धार्मिक औचित्य नहीं . यह इस्लाम में वर्जित है.

इमामों ने खुतबे में कहा,सोशल मीडिया पर यकीन न करें. तथ्यों को पहले परखें. इमामों ने कहा कि आज सोशल मीडिया हिंसा में भागीदार बना हुआ है. इस प्लेटफॉर्म से फेक न्यूज और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की भावनाएं भड़काई जा रही हैं.इमामों ने लोगों , खासतौर पर नौजवानों से अपील की कि सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो को आंख मूंदकर फॉलो और शेयर न करें. सनसनीखेज सामग्री को साझा न करें.

देश में अमन और शांति की फिजा को कायम रखें. इमामों ने कहा कि इस्लामऐसा मजहब है, जो शांति, सहयोग और प्रेम को बढ़ावा देता है. यह घृणा, हिंसा को बढ़ावा  देने से दूर है . दुर्भाग्य से इस्लाम के संदेश को उसके विरोधियों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया .

उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों से और खासकर राजस्थान के लोगों से अपील करता हूं कि इस प्रकार के मामलों में धैर्य और शांति रखें . देश और शांति के दुश्मनों को उनके नापाक मंसूबों में कामयाब न होने दें.

कादरी मस्जिद शास्त्री पार्क दिल्ली के इमाम मुफ्ती अशफाक हुसैन कादरी, रतलाम के सुन्नी जामा मस्जिद के मुफ्ती बिलाल निजामी, मकराना के मुफ्ती शमसुद्दीन बरकाती, हमीरपुर के मौलाना शाहिद मिस्बाही, मौलाना बदरुद्दीन मिस्बाही खतीब, इमाम मस्जिद आला हजरत निजामिया लखनऊ, जयपुर के मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी, अजमेर में मौलाना अंसार फैजी, कारी हनीफ मुरादाबाद, मौलाना सखी जम्मू, मौलाना मजहर इमाम (उत्तर दीनाज पर बंगाल), मौलाना अब्दुल जलील निजामी( पीलीभीत), मौलाना समीर अहमद (रामपुर), मौलाना कारी जमाल, भागलपुर के मौलाना अबरार, नागपुर, मौलाना मुस्तफा रजा और अमन शहीद जामा मस्जिद के मौलाना तनवीर अहमद और दिल्ली मुस्तफाबाद के मौलाना मुशर्रफ ने अपने जुमे के खुतबे में हत्यारों की जमकर आलोचना की.