सुभाष जयंती विशेषः जब कटिहार आए थे नेताजी !

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-01-2022
 नेताजी
नेताजी

 

सुल्ताना परवीन / पूर्णिया 
 
ये बात बहुत कम लोगों को मालूम है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके संगठन फॉरवर्ड ब्लॉक का एक हिस्सा पुर्णिया से भी जुड़ा हुआ है. कहते हैं कि दार्जिलिंग जिला के खरशियांग में नेताजी का आवास हुआ करता था. वहां जाने का रास्ता पूर्णिया होते हुए ही है. वहां जाने के क्रम में वो यहां आए थे. बताया जाता है कि उन्होंने दो दिन कटिहार के घर में बिताए और वहां रह कर संगठन को मजबूत करने के लिए बैठक की थी.

बात 1942 की है. जब देश में स्वतंत्रता आंदोलन अपने अंतिम चरण की ओर तेजी से बढ. रहा था. देश भर में अंग्रेजों के खिलाफ जनमानस उबल रहा था. 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र ने अंग्रेजों के खिलाफ फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की.
 
उसे मजबूत करने के लिए देश भर में घूम घूम कर बैठकें की. अपने इस मुहिम के दौरान वो कटिहार आए थे. शहीद चैक के पास स्थित लक्ष्मी भंडार परिवार के घर दो दिनों तक मेहमान बन कर रहे थे.
 
बिहार का कटिहार जो अब स्वतंत्र जिला है, लेकिन उस वक्त पूर्णिया जिले का हिस्सा हुआ था, में नेताजी ने फॉरवर्ड ब्लॉक को मजबूत करने के लिए बैठक की थी.
 
लख्मी भंडार परिवार के डॉ. अनिल भट्टाचार्य कहते हैं कि उनके बड़े पिता जी स्व. बसंत कुमार भट्टाचार्य के कारण ही नेताजी कटिहार आए थे. दो दिन रुक कर संगठन को मजबूत करने के लिए काम किया था.
 
वो कहते हैं नेताजी को मछली और भात खाना बहुत पसंद था. दो दिन के कटिहार प्रवास के दौरान नेताजी ने बड़े शौक से मछली भात खाया था. बिहार में उबले चावल को भात कहा जाता है.
 
लक्ष्मी भंडार परिवार के जिस भवन में नेताजी रुके थे, उस भवन की दीवार पर एक शिलापट लगा हुआ है. उस भवन में ठहरने वालों के नाम लिखे हैं. उस शिलापट में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम लिखा हुआ है.
 
स्व. बसंत कुमार भट्टाचार्य के प्रपौत्र जोहुरेंदु भट्टाचार्य कहते हैं कि उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना है कि इसी भवन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस उस वक्त आए थे जब वो फॉरवर्ड ब्लॉक संगठन को मजबूत करने के लिए मुहिम चला रहे थे.
 
उसी मुहिम के दौरान वो उनके निवास पर आए थे. मीटिंग को संबोधित किया था. दरअसल, वो दार्जिलिंग जिले के खरशियांग जा रहे थे, जहां नेता जी का आवास था. वहां अक्सर वो रहते थे और अपने संगठन के लिए काम करते थे. वहां जाने के क्रम में वो आए थे.
 
कटिहार जाने से पहले वो उस दिन पूर्णिया भी आए थे. कुछ देर के लिए उस वक्त के कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी गोकुल कृष्ण राय के घर भी रुके थे.
 
डॉ. अनिल भट्टाचार्य कहते हैं कि कटिहार जाने का रास्ता पूर्णिया होकर ही तय हुआ था, इसलिए कुछ देर के लिए पूर्णिया रुक कर उन्होंने बैठक की थी. लोगों को संबोधित भी किया था.
 
जिस भवन में नेताजी रुके थे उस भवन में अभी विजय शंकर सिंह रह रहे हैं. वह कहते हैं कि इस भवन में वो 1995 से रह रहे हैं. शहर के बुजुर्ग जो अब नहीं रहे डीएल लाभ, भरत लाल शर्मा के अलावा अपने पिता तारकेश्वर सिंह से भी सुना है कि इसी भवन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस कुछ देर के लिए ठहरे थे.
 
जिले के साहित्यकार अजय सान्याल भी पुष्टि करते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस पूर्णिया आए थे. गोकुल कृष्य राय के घर में कुछ देर के लिए ठहरे थे.