मोहम्मद अकरम / हैदराबाद
हमारे समाज में ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो बिना दिखावे के इंसानियत के लिए काम कर रहे हैं. वह पूरी खामोशी के साथ लोगों के सुख व दुख में मदद करते हैं. ये अलग बात हैं कि हम उन्हें पहचान नहीं पाते हैं या फिर हमने कभी ऐसे लोगों से मिलने की कोशिश नहीं की. ऐसी ही एक तस्वीर देश के मौजूदा माहौल में सुकून देने वाली है. हैदराबाद के एक बुजुर्ग शख्स से आज हम आपको मिलाते हैं, जो नौकरी करने के साथ-साथ लोगों की प्यास बुझाते हैं. शहर के एलबी नगर के पेट्रोल पंप (बस स्टेंड) के नजदीक प्रतिदिन पानी रखते हैं, जिसे कड़कती धूप में आम लोगों पीते हैं. इस शख्स का नाम है यूसुफ वली, जो एलबी नगर के चंटल कट्टा इलाके की जहांगीर कॉलोनी के रहने वाले हैं. उसी जगह के पास डी श्रीनिवास 25 सालों से मोची का काम करते हैं और यूसुफ वली के बारे में पूछने जाने पर तारीफ करते नहीं थकते हैं.
यूसुफ वली जिनकी उम्र 62 साल हैं और जल्द ही रिटायर होने वाले हैं, वह ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन में काम करते हैं. वह बताते हैं कि मैं ये काम दिखावे के लिए नहीं करता हूं. मैं नहीं चाहता है कि मैं लोगों से तारीफ करवाऊँ. मैं हर दिन ऑफिस जाने से पहले स्कूटी पर पानी के कई बड़े डिब्बे लाता हूं और छतरी खड़ा करके पानी और ग्लास रखकर चला जाता हूं और फिर शाम में असर की नमाज पढ़कर आता हूं, तो सामानों को ले जाता हूं.
उनके मुताबिक पानी रखने की जगह पर जानबुझ कर सिर्फ फ्री वाटर के अलावा कुछ नहीं लिखा हुआ है. वह कहते हैं कि मैं इस तरह का काम दो जगह करता हूं. मैं जानता हूं कि प्यासे को पानी पिलाने पर कितना सवाब मिलता हैं.
नजदीक में ही 25 सालों से मोची का काम करने वाले डी श्रीनिवास ने बताया कि मौलवी साहब प्रतिदीन गाड़ी से पानी लेकर आते हैं और छतरी तानकर, पानी, ग्लास रखकर चले जाते हैं और शाम में पांच बजे आकर ले जाते हैं. पानी को हम भी पीते हैं, लोग पीते हैं और बोतल मे ले भी जाते हैं. मौलवी साहब ये काम कई महीने से कर रहे हैं. लोग बारह बजे से तीन बजे तक ज्यादा पानी पीते हैं.
एक स्थानीय नागरिक एमवी गोडा ने बताया कि मैं हर रोज यहां पानी पीता हूं, मौलवी साहब को देखकर मुस्कुराते हुए कहते हैं, हमारी तरह कई लोग आते हैंण् यहां आस पास पहुचने वाले, बस का इंतजार करने वाले लोग पानी पीकर प्यास बुझाते हैं.
यूसुफ वली आगे कहते हैं कि हमारा मकसद लोगों को पानी पिलाना है, इसका सवाब (पुण्य) अल्लाह देगा.
वह कहते हैं कि मैं ये जब तक जिंदगी है करता रहूंगा, क्योंकि समाज में आपसी भाईचारे लाने का छोटी सी कोशिश हैं.
जरूरत हैं कि यूसुफ वली जैसे लोगों की पहचान कर उनकी हौसला बढ़ाएं, जिससे समाज में अमन व शांति बढ़े और देश तरक्की करेगा.