नई दिल्ली. दिल्ली के बवाना क्षेत्र में अधिकारियों ने जन्नतुल फिरदौस नामक एक मस्जिद को बुलडोजर से ढहा दिया, जिसके पीछे अवैध निर्माण और भूमि अतिक्रमण को कारण बताया गया. अधिकारियों ने दावा किया कि मस्जिद आरक्षित वन भूमि पर बनाई गई थी और यह एक अवैध अतिक्रमण था.
हालांकि कई लोगों का कहना है कि काफी पुरानी मस्जिद थी. दूसरी ओर, मस्जिद के रखवालों ने दावा किया कि अधिकारियों ने बिना किसी पूर्व सूचना या चेतावनी के मस्जिद को ध्वस्त कर दिया.
मस्जिद के विध्वंस के तुरंत बाद, एक व्यक्ति प्रीत सिरोही ने मस्जिद के बारे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया कि उन्होंने दिल्ली में “अवैध” मस्जिदों को निशाना बनाने का अभियान जारी रखने की कसम खाई थी.
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सराय काले खां के हजरत निजामुद्दीन इलाके में स्थित 40 साल पुरानी मस्जिद और मदरसा (इस्लामिक धार्मिक स्कूल) को खाली करने का आदेश दिया था, ताकि नागरिक अधिकारियों द्वारा संरचनाओं को गिराया जा सके.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली धार्मिक समिति द्वारा मस्जिद और मदरसे को “अनधिकृत” धार्मिक संरचना घोषित किया गया था, जिसके बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण (क्क्.) और दिल्ली पुलिस ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद और मदरसा 13 जून को गिरा दिया जाएगा.
30 जनवरी 2024 को, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए पुरानी मस्जिद को बुलडोजर से गिरा दिया. इसके साथ ही, मदरसा जहां ज्यादातर अनाथ छात्र रहते थे और मस्जिद परिसर के अंदर स्थित एक सूफी संत की दरगाह को भी गिरा दिया गया.
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