मूत्र मार्ग में संक्रमण का कारण बनता है ई. कोली बैक्टीरिया: अध्ययन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 04-05-2024
E. coli bacteria causes urinary tract infection: Study
E. coli bacteria causes urinary tract infection: Study

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली  

वैज्ञानिकों की टीम ने पाया है कि एशरिकीआ कोली या ई. कोली बैक्टीरिया स्वस्थ लोगों में मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) का कारण बन सकता है.

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है और उनमें से लगभग आधी महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी असुविधाजनक और अक्सर दर्दनाक लक्षणों से प्रभावित होती हैं.

यह संक्रमण आमतौर पर मूत्राशय या मूत्रमार्ग में होता है, जिससे पेल्विक दर्द होता है, पेशाब बार-बार आता है, पेशाब करते समय दर्द होता है और पेशाब में खून आता है. इससे किडनी में गंभीर संक्रमण भी हो सकता है, जिससे पीठ दर्द, मतली, उल्टी और बुखार हो सकता है.

पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि कैसे ई. कोली किसी संक्रमण के दौरान तेजी से अपनी आबादी बढ़ाने के लिए मेजबान के पोषक तत्वों का उपयोग करता है.

अमेरिका में मिशिगन विश्वविद्यालय की टीम ने बैक्टीरिया के तौर-तरीकों का पता लगाने के लिए चूहों पर परीक्षण किया.

उन्होंने ऐसे जीवाणु जीन की पहचान की जो म्यूटेन्ट स्ट्रेन को देखकर संक्रमण की पुष्टि करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं.

टीम ने ट्रांसपोर्ट सिस्टम को नियंत्रित करने वाले जीन्स के एक समूह का पता लगाया, जिसे यदि बाधित किया जाए तो ई. कोली के प्रजनन की दर कम करने में मदद मिल सकती है.

यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर हैरी मोबली ने कहा, "जब बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए किसी चीज की जरूरत होती है, जैसे अमीनो अम्ल, तो वे इसे दो तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं.

"वे इसे खुद बना सकते हैं, या जिसे हम ट्रांसपोर्ट सिस्टम कहते हैं, उसका इस्तेमाल करके वे इसे अपने मेजबान से चुरा सकते हैं."

इसके अलावा, टीम को एबीसी (एटीपी-बाइंडिंग कैसेट) नामक एक प्रकार का ट्रांसपोर्टर भी मिला जो संक्रमण के लिए आवश्यक है.

टीम ने कहा, "इन पोषक तत्व आयात प्रणालियों की कमी वाले कई बैक्टीरिया स्ट्रेन मूत्राशय और गुर्दे में प्रजनन कर अपनी आबादी बढ़ाने में अशक्त थे."

यह निष्कर्ष नई चिकित्सा विज्ञान के विकास के रास्ते खोलता है, जो बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध के युग में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.