बांग्लादेश के मेडिकल काॅलेजों  में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार, जयशंकर से लगाई गुहार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 08-05-2021
बांग्लादेश के मेडिकल काॅलेजों  में पढ़ने वाले कश्मीर छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार, जयशंकर से लगाई गुहार
बांग्लादेश के मेडिकल काॅलेजों  में पढ़ने वाले कश्मीर छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार, जयशंकर से लगाई गुहार

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली / श्रीनगर

बांग्लोदश के विभिन्न मेडिकल  कालेज में पढ़ने वाले 100 से अधिक छात्रों का भविष्य खतरे में है. अचानक परीक्षा की डेटशिट निकलने, बांग्लादेश-भारत के बीच अस्थायी संबंध विच्छेद होने तथा विदेश से लौटने वालों को 14 दिनों तक एकांतवास में बिताने की शर्त ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे छात्रों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर तत्काल समस्या का हल निकालने की गुहार लगाई है.
 
बांग्लोदश के मेडिकल काॅलेजों में पढ़ने वाले कश्मीर छात्रों के एसोसिएशन के प्रवक्ता नासिर खूहामी का कहना है कि बांग्लादेशी मेडिकल काॅलेज में कश्मीर के करीब 200 छात्र पढ़ते हैं. उनकी परीक्षाएं 3 अप्रैल को इस सूचना के साथ स्थगित हो गई थी कि एग्जाम से दो सप्ताह पहले दोबारा डेट शीट निकाली जाएगी.
 
छात्रों का कहना है कि परीक्षा में देरी होने और रमजान तथा ईद के मद्देनजर 100 से अधिक छात्र बांग्लादेश से अपने गृह प्रदेश कश्मीर आ गए थे. इस बीच कश्मीर सहित पूरे भारत में कोरोना की दूसरी लहर से अफरा तफरी मच गई. कहीं भारत आने जाने से महारोग बांग्लादेश में बुरी स्थिति न पैदा कर दे,
 
इसके मद्देनजर वहां की सरकार ने अगले ओदश तक भारत से संपर्क काट दिए हैं. केवल जरूरी सामानों की ही दोनों देशों के बीच ढुलाई हो रही है. भारत-बांग्लादेश के बीच सारी उड़ानें भी अगले आदेश तक रदद हैं. बांग्लादेश के अलावा गल्फ कंट्री, अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया एवं यूरोपीय देशों ने भी फिलहाल भारत आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.
 
इस बची कश्मीर में फंसे मेडिकल के छात्रों को उनके संस्थान की ओर से सूचित किया गया है कि स्थगित की गई परीक्षाएं 31 मई से आयोजित की जाएंगी. इसके लिए डेटशीट जारी कर दी गई है. ऐसे में छात्रों को तुरंत वापस लौटना होगा.
 
अब छात्रों के सामने समस्या यह है कि बांग्लादेश ने फिलहाल आने जाने पर पाबंदी लगा रखी है. साथ ही दूसरे देश से आने वालों के लिए 14 दिनों का क्वारंटाइन  अनिवार्य किया हुआ है. ऐसी सूरत में यदि कश्मीर के छात्र बांग्लादेश के लिए तुरंत नहीं निकलते तो उनकी परीक्षाएं छूट जाएंगी. ऐसे में उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है.
 
 
खूहामी कहते हैं कि छात्रों की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है. उनसे आग्रह किया गया है कि मानवीय आधार पर इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाएं और उनकी बांग्लादेश यात्रा सुनिश्चित करने की व्यवस्था करें. संबंधित अधिकारियों को तेजी से कार्य करने और कश्मीरी छात्रों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश देने का भी उनकी ओर से आग्रह किया गया है. हालांकि अभी तक विदेश मंत्रालय से राहत मिलने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.