World Chess Champion: कौन हैं डी गुकेश?
18वर्षीय गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया
लेकिन शीर्ष पर पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा और इसमें न केवल उनके बल्कि उनके माता-पिता - ईएनटी सर्जन डॉ. रजनीकांत और माइक्रोबायोलॉजिस्ट पद्मा ने भी त्याग किया.
रजनीकांत को 2017-18में अभ्यास बंद करना पड़ा क्योंकि पिता-पुत्र की जोड़ी ने बहुत कम बजट में दुनिया भर की यात्रा की, जब गुकेश ने अंतिम जीएम मानदंड का पीछा किया
गुकेश 17साल की उम्र में विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के दावेदार बन गए थे
12 साल 7 महीने और 17 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की. चेन्नई का यह खिलाड़ी एलीट 2700 एलो रेटिंग क्लब में प्रवेश करने वाला तीसरा सबसे कम उम्र का खिलाड़ी है और 2750 रेटिंग मार्क को छूने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी है.
कई बार आयु वर्ग की चैंपियनशिप जीतने वाले गुकेश 2017 में फ्रांस के कान्स में एक टूर्नामेंट के बाद एक अंतरराष्ट्रीय मास्टर बन गए.
युवा चैंपियन की शुरुआती सफलता में अंडर-9एशियाई स्कूल चैंपियनशिप और 2018में अंडर 12श्रेणी में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना शामिल है.
64 वर्ग के शतरंज बोर्ड के लिए गुकेश के जुनून ने उनके माता-पिता को उन्हें कक्षा IV के बाद पूर्णकालिक स्कूल जाने से रोक दिया.
2019 में नई दिल्ली में एक टूर्नामेंट के दौरान गुकेश इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने, एक रिकॉर्ड जिसे तब केवल रूस के सर्गेई कारजाकिन ने तोड़ा था, लेकिन बाद में यूएसए के भारतीय मूल के प्रतिभावान अभिमन्यु मिश्रा ने भी इसे तोड़ दिया.
2022 में जब गुकेश ने भारतीय टीम के लिए शीर्ष बोर्ड पर खेलते हुए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता, तो यह तय हो गया था, यह प्रदर्शन उन्होंने बुडापेस्ट में फिर दोहराया.