हज इस्लाम के पांचवें और अंतिम स्तंभ (अरकान-ए-इस्लाम) में से एक है.

1. अल्लाह का हुक्म है (फ़र्ज़ इबादत)

2. अल्लाह के करीब जाने का ज़रिया

3. गुनाहों की माफी

4. बराबरी और एकता का प्रतीक

5. पैग़म्बर हज़रत इब्राहीम (अ.) की याद

6. खुद को पहचानने और सुधारने का मौका

हज सिर्फ़ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक रूहानी सफर है जो इंसान को अल्लाह के करीब लाता है.

उसकी आत्मा को साफ करता है और इंसानियत, बराबरी और तौबा का संदेश देता है.

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