पूरा नाम: इमाम अबू अब्दिल्लाह अल-हुसैन इब्न अली (रज़ि०)

जन्म: 10 जनवरी 626 ई. (3 शाबान, 4 हिजरी), मदीना

वंश: पैगंबर हज़रत मुहम्मद (ﷺ) के नवासे, हज़रत अली (र.अ.) और हज़रत फातिमा (र.अ.) के बेटे

इस्लामी परंपरा में स्थान: शिया और सुन्नी दोनों उन्हें अत्यंत सम्मान की दृष्टि से देखते हैं

चरित्र: सत्य, न्याय, ईमानदारी और बलिदान के प्रतीक

करबला की लड़ाई: 10 मुहर्रम 61 हिजरी (680 ई.) को यज़ीद की बेइंसाफी के खिलाफ खड़े हुए

शहादत: करबला (वर्तमान इराक) में उन्हें और उनके परिवार के कई सदस्यों को शहीद कर दिया गया

कारण: अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना और यज़ीद की अमानवीय सत्ता को न मानना

वारिस: उनके बेटे इमाम ज़ैनुल आबिदीन (अलैहिस्सलाम) ने उनका संदेश आगे बढ़ाया

विरासत: आज भी इमाम हुसैन का बलिदान इंसाफ, इंसानियत और ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने की मिसाल माना जाता है

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