हम तो जैसे यहां के थे ही नहीं, धूप के थे सायबां के थे ही नहीं.

अब हमारा मकान किस का है, हम तो अपने मकान के थे ही नहीं.

उस गली ने सुन के ये सब्र किया, जाने वाले इस गली के थे ही नहीं.

मिलकर तपाक से हमें न कीजिए उदास, खातिर न कीजिए कभी हम भी यहां के थे.

मत पूछो कितना ग़मगीन हूं, गंगा जी और यमुना जी, ज्यादा तुमको याद नहीं हूं, गंगा जी और यमुना जी.

अपने किनारों से कह दीजो आंसू तुमको रोते हैं, अब मैं अपना सोग-नशीं हूं, गंगा जी और यमुना जी.

अब तो यहां के मौसम मुझसे ऐसी उम्मीदें रखते हैं, जैसे हमेशा से मैं तो यहीं हूं, गंगा जी और यमुना जी.

अमरोहा में बान नदी के पास जो लड़का रहता था, अब वो कहां है? मैं तो वही हूं, गंगा जी और यमुना जी.

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