राकेश शर्मा के बाद 41 वर्षों में पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री (शुभांशु शुक्ला) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर रवाना हुए.
शुभांशु समेत चार सदस्यीय दल ने 25 जून को दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिये उड़ान भरी.
शुभांशु लखनऊ के ‘सिटी मोंटेसरी स्कूल’ के छात्र रहे हैं. उनके माता-पिता ने स्कूल से लाइव लॉन्च देखा और भावुक हो गए.
कक्षा में पहुंचते ही शुभांशु बोले – “कमाल की राइड थी”, और तिरंगा लहराते हुए कहा, “मैं अकेला नहीं हूं, 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ हैं.
मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, हंगरी के टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की भी शामिल हैं.
14 दिन ISS में बिताएंगे और 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें स्वास्थ्य, नवाचार और तकनीकी अध्ययन शामिल हैं.
अंतरिक्ष यात्री अपने-अपने देश के पारंपरिक खाद्य पदार्थ भी साथ ले गए – जैसे भारतीय करी-चावल और आम का रस.
अंतरिक्ष कैप्सूल को दिया गया नाम ‘ग्रेस’ और स्पेसएक्स ने कहा – “जो धैर्य रखते हैं, उनके साथ अच्छी चीजें होती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन का स्वागत किया और शुभांशु को "140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों का वाहक" बताया.
शुभांशु अंतरिक्ष से प्रधानमंत्री मोदी के साथ संवाद कर सकते हैं और युवा पीढ़ी से भी संपर्क करेंगे.