कौन थी उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की ‘दूसरी बेगम’
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने फिल्मों के लिए भी बजाई थी शहनाई
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म ‘स्वदेश’ का गाना ‘ये जो देश है मेरा’ का इंस्ट्रमेंटल ट्रेक बिस्मिल्लाह खां की शहनाई की धुन पर तैयार हुआ था.
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का जन्म 21 मार्च 1916 को डुमरांव, बिहार में हुआ था. दुनियाभर के मंचों तक शहनाई को पहुंचाने का श्रेय बिस्मिल्लाह खां को ही जाता है.
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का असली नाम कमरुद्दीन था, क्योंकि बड़े भाई का नाम शमशुद्दीन था, इसलिए पिता ने मिलता जुलता नाम रखा था, लेकिन जब उनके दादा जी ने अल्लाह को धन्यावाद किया और बिस्मिल्लाह कहा तो, उनका जन्म के बाद रखा गया नाम बदल गया. इसके बाद से ही उन्हें बिस्मिल्लाह कहा जाने लगा.
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार की फिल्म ‘सनादि अपन्ना’, सत्यजीत रे की फिल्म ‘जलसाघर’ और विजय भट्ट की फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ में भी शहनाई बजाई थी.
1947 में जब देश की आजादी की पूर्व संध्या पर लालकिले पर देश का झंडा फहराया जा रहा था तब बिस्मिल्लाह खां की शहनाई भी वहां आजादी का संदेश दे रही थी.
खां ने ईरान, जापान, अमेरिका, इराक, कनाडा अफगानिस्तान और रूस जैसे कई मुल्कों में अपनी शहनाई का जादू बिखेरा है.
21 अगस्त 2006 में उनकी मृत्यु हो गई, जब उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया तो साथ में उनकी शहनाई को भी दफना दिया गया था.
उनकी आखिरी इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाई. वह इंडिया गेट पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देना चाहते थे.
उस्ताद खां की शादी 16 साल की छोटी उम्र में हो गई थी. लेकिन, उन्हें अपने वाद्य यंत्र से बहुत प्यार था, जिसे वे अपनी दूसरी बेगम कहा करते थे.