Mango Man: कौन हैं एक पेड़ पर 300 से ज्यादा प्रजाति के आम उगाने वाले ‘मैंगो मैन’ कलीमुल्लाह खान?
हाजी कलीमउल्लाह खान ग्राफ्टिंग तकनीक का उपयोग करके एक ही पेड़ पर सुसंगत से अधिक विभिन्न प्रकार के आम फसलों को उगाने के लिए जाने जाते हैं
उत्तर प्रदेश में लखनऊ के पास मलीहाबाद में मैंगो मैन ने 7वीं कक्षा में स्कूल छोड़ दिया और खेती के पारिवारिक व्यवसाय को अपना लिया.
जापान और अमेरिका तक के वैज्ञानिकों को हैरान करने वाले इस पेड़ के जन्मदाता हैं मलिहाबाद के रहने वाले हाजी कलीम उल्लाह खान, की उम्र 84 साल है. 2008 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा था.
खान का मानना है कि "कोई भी दो उंगलियों के निशान एक जैसे नहीं होते और कोई भी दो आम की किस्में एक जैसी नहीं होतीं. प्रकृति ने आमों को इंसानों जैसे गुण दिए हैं. वे कहते हैं, "मैं रेगिस्तान में भी आम उगा सकता हूँ."
पद्मश्री अवॉर्डी कलीमुल्लाह 15 साल के थे, जब उन्होंने दोस्त के बगीचे में क्रॉस ब्रीड के गुलाब को देखा था. एक पौधे में गुलाब के अलग-अलग फूलों को देखकर वो प्रेरित हुए. यहीं से उन्होंने एक पेड़ में अलग-अलग प्रजाति के आम को उगाने के लिए प्रयोग शुरू किया
कलीमुल्लाह के आमों की बगिया की खासियत है कि यहां मौजूद आमों के पेड़ की सभी पत्तियां एक-दूसरे से अलग हैं. इनके हरे रंग से लेकर उनकी चमक तक में अंतर है. कलीमुल्लाह ने आमों की कई नई वैरायटी तैयार की है.
कलीमुल्लाह ने नामचीन शख्सियतों के नाम पर आम के नाम रखे हैं. इनमें योगी आम, सोनिया आम, ऐश्वर्य आम. उन्होंने आम की एक वैरायटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित की है और उसका नाम है- नमो.
दो तरह के आम की किस्म मिलकर आम की नई किस्म को जन्म दे सकती है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आम की 700 किस्म पाई जाती हैं: कलीमुल्लाह
ग्राफटिंग की अलंगानिक प्रसार तकनीक का उपयोग करते हुए, उन्होंने आम की कई नई कहानियां विकसित की, जिनमें से कुछ का नाम प्रमुख प्रीमियर और राजनीतिक नेताओं के नाम पर रखा, जैसे सचिन तेंदुलकर, अनारकली, ऐश्वर्या राय, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, नरेंद्र मोदी, अमित शाह आदि.
भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक उत्पादन का आधा हिस्सा है. उत्तर प्रदेश के उत्तरी राज्य मलीहाबाद में 30,000 हेक्टेयर से अधिक बाग हैं और राष्ट्रीय फसल का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा यहीं पैदा होता है.