मजदूर दिवस का जनक कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार को माना जाता है.
अफ्रीका, एशिया, यूरोप और लैटिन अमेरिका के कई देश 1 मई को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाते हैं, जिनमें फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, भारत, ब्राजील, वियतनाम और रूस शामिल हैं.
पहला श्रमिक दिवस भारत में 1 मई 1923 को किसान-मजदूर पार्टी ने चेन्नई में मनाया था.
इस दिन भारत सहित कई देशों में श्रमिक अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं. रैलियां, सम्मेलन और गोष्ठियां करके जिम्मेदार लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हैं.
रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत, फ्रांस, जर्मनी सहित 65 से ज्यादा देशों में 1 मई को राष्ट्रीय अवकाश घोषित है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड व नीदरलैंड.
कामरेड सिंगरावेलू के नेतृत्व में हजारों कामगारों ने मद्रास हाईकोर्ट सामने बड़ा प्रदर्शन किया और यह संकल्प लिया कि 1 मई को भारत में भी मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए और इस दिन अवकाश घोषित किया जाए.
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