Johnny Walker: बेवड़ा बन खूब हंसाया लेकिन कभी नहीं पी शराब
जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन था। उनका जन्म 11 नवंबर 1920 को इंदौर में हुआ था।
जब जॉनी वॉकर एक्टिंग की दुनिया में आए तो एक्टर गुरुदत्त ने उनका नाम बदल दिया था। गुरुदत्त ने उनका नाम एक प्रसिद्ध शराब के ब्रांड के नाम पर रखा।
फिल्मों में बेशक जॉनी वॉकर शराबी का किरदार निभाते थे, लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने कभी शराब को हाथ नहीं लगाया।
जॉनी वॉकर जब मुंबई आए तो शुरुआत में उन्होंने अपना पेट पालने के लिए बस कंडक्टर का काम किया। इसके लिए उन्हें महीने के 26 रुपये सैलरी मिलती थी।
जॉनी अपने अंदाज में बस यात्रियों का मनोरंजन करते हुए अपना काम करते थे। इस दौरान एक बार बलराज साहनी की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद बलराज साहनी ने निर्देशक गुरु दत्त को जॉनी वॉकर के बारे में बताया। उस समय गुरु दत्त अपनी फिल्म बाजी की तैयारी कर रहे हैं।
गुरु दत्त के सामने उन्होंने शराबी की एक्टिंग की जो गुरु दत्त को काफी पसंद आई और उन्होंने जॉनी वॉकर को फिल्म बाजी में रोल दिया। इस फिल्म में अभिनेता देव आनंद और अभिनेत्री गीता बाली मुख्य भूमिका में थीं। यहां ये उनकी किस्मत का बंद दरवाजा खुला और इसके बाद जॉनी वॉकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
जॉनी वॉकर ने अपने फिल्मी सफर में तकरीबन 300 फिल्में की, जिसमें ‘जाल’, ‘आंधियां’, ‘नया दौर’, ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘मुधमती,’ ‘कागज के फूल’, ‘गेटवे ऑफ इंडिया,’ ‘मिस्टर एक्स,’ ‘मेरे महबूब,’ ‘साईआईडी’ जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं।
जॉनी वॉकर को उनकी शानदार अदाकारी के लिए पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड 1959 में 'मधुमती' में सहायक अभिनेता के लिए मिला। इसके बाद फिल्म 'शिकार' के लिए उन्हें बेस्ट कॉमिक एक्टर के फिल्मफेयर मिला था।
ताउम्र दर्शकों को हंसाने वाले जॉनी वॉकर ने 29 जुलाई, 2003 को दुनिया से अलविदा कह दिया था।
आज भी जब हम उनकी फिल्में देखते हैं तो चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और उनका हमारे बीच होने का एहसास होता है।