भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानो

हमीदा बानो ने 1940 और 1950 के दशक में पुरुषों की चुनौती देते हुए कहा था कि जो मुझे दंगल में हरा देगा मैं उससे शादी कर लूंगी.

पहला कुश्ती मैच जिसने हमीदा को सही मायनों में पहचान दिलाई, वह 1937 में लाहौर के फिरोज खान के साथ था. हमीदा ने उस मैच में फिरोज को चित कर दिया.

हमीदा ने 1954 में रूस की वीरा चस्तेलिन को एक मिनट से भी कम समय में पछाड़कर सभी को चकित कर दिया. छोटे गामा नाम के मशहूर पहलवान ने आखिरी समय में हमीदा से लड़ने से मना कर दिया था. वीरा को चित करने के बाद हमीदा ने यूरोप जाकर लड़ने का फैसला किया. यहीं से उनका करियर ग्राफ नीचे की तरफ गिरने लगा.

यूपी के मिर्जापुर में जन्मीं हमीदा बानो की डाइट ही बड़े बड़ों के पसीने छुड़ाने के लिए काफी है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमीदा बानो की हाइट 5 फीट 3 इंच थी और उनका वजन 107 किलो था.

कहते हैं कि वो रोजाना 6 लीटर दूध, पौने तीन किलो सूप, सवा दो लीटर फलों का जूस पीती थीं। इसके साथ ही एक मुर्गा, एक किलो मटन, 450 ग्राम मक्खन, 6 अंडे, लगभग एक किलो बादाम, 2 बड़ी रोटियां और 2 प्लेट बिरयानी खाती थीं. दिन के 24 घंटों में वह 9 घंटे सोती थीं और 6 घंटे एक्सरसाइज करती थीं और बाकी समय खाती रहती थीं.

हमीदा बानो के ट्रेनर सलाम पहलवान नहीं चाहते थे कि वह यूरोप जाए. नाराज सलाम ने डंडे से मारकर हमीदा के पैर और हाथ तोड़ दिए थे. इसके बाद वह कुश्ती से गायब हो गईं. कहा जाता है कि बाद में दूध बेचकर अपना घर चलाती थीं.

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