शोले (1975) क्यों? वीरू के किरदार में धर्मेंद्र की कॉमिक टाइमिंग, एक्शन और रोमांस — सब कुछ एक ही फ़िल्म में। भारतीय सिनेमा की सबसेIconic फ़िल्म।

चुपके चुपके (1975) क्यों? धर्मेंद्र की बेहतरीन कॉमेडी। गंभीर हीरो की इमेज के बावजूद उन्होंने साबित किया कि वे हास्य भूमिकाओं में भी कमाल करते हैं।

फूल और पत्थर (1966) क्यों? यह धर्मेंद्र की पहली सुपरहिट फ़िल्म थी। उन्हें पहला फ़िल्मफेयर अवार्ड (बेस्ट एक्टर) का नॉमिनेशन मिला। स्टारडम यहीं से शुरू हुआ।

आनंद (1971) क्यों? भले ही राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे, लेकिन डॉक्टर भास्कर के रोल में धर्मेंद्र ने भावनाओं से भरा अभिनय दिखाया। उन्हें बेहद सराहा गया।

स्पर्श (1979)/ या सत्यकाम (1969) क्यों? इन फ़िल्मों में उन्होंने गंभीर अभिनेता के रूप में अपना असली दम दिखाया। सत्यकाम अक्सर धर्मेंद्र के करियर की सबसे श्रेष्ठ फ़िल्म मानी जाती है।

यादों की बारात (1973) क्यों? स्टाइलिश एक्शन और गज़ब की स्क्रीन प्रेज़ेंस ने धर्मेंद्र की Popularity और बढ़ा दी। फ़िल्म में हिट गाने भी शामिल थे।

अनुपमा (1966) क्यों? रोमांटिक और संजीदा अभिनय। उनकी आंखों की मासूमियत और सादगी ने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया।

आंखें (1968) क्यों? जासूसी एक्शन-ड्रामा। यह उस दौर की सबसे बड़ी Spy Movies में से एक थी और धर्मेंद्र एक Trendsetter बने।

धर्म वीर (1977) क्यों? भव्य सेट, भाईचारे की कहानी और धर्मेंद्र का एक्शन — यह फ़िल्म उस समय की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर्स में शामिल रही।

सीता और गीता (1972) क्यों? हेमा मालिनी के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट रही। फ़िल्म में हल्का-फुल्का हास्य और उनका आकर्षक व्यक्तित्व खूब पसंद किया गया।

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