यहां लोग 1935 में मौलवी बादशाह हुसैन खान राणा लखनवी द्वारा लिखित उर्दू रामायण के दोहे पढ़ते हैं।
'महफिल-ए-रामायण' भारत की समावेशी संस्कृति और सभी भारतीयों की धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है।
मौलवी बादशाह हुसैन खान राणा लखनऊवी ने अपने एक कश्मीरी पंडित शिष्य की मांग पर रामचरित्रमानस के उर्दू संस्करण की रचना की।
Channel swimmer Elvis Ali Hazarika और उनका परिवार मुसलमानों के साथ-साथ हिंदुओं के हर धार्मिक त्योहार को मनाते हैं।