क्या फेफड़ों के कैंसर से बचा जा सकता है?
हर साल एक अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे (विश्व फेफड़ों का कैंसर दिवस) मनाया जाता है. इस मौके पर विशेषज्ञों ने कहा कि फेफड़ों का कैंसर सबसे आम कैंसर है, जो मस्तिष्क तक फैल सकता है.
द लैंसेट रीजनल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में फेफड़ों के कैंसर के हर साल 72,510 नए मामले सामने आते हैं, जो सभी कैंसर मामलों का 5.8 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि एक महत्वपूर्ण चुनौती तब पैदा होती है जब फेफड़ों का कैंसर शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों जैसे मस्तिष्क तक फैल जाता है.
फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख एवं प्रधान निदेशक प्रवीण गुप्ता ने बताया, "मस्तिष्क में कैंसर के फैलने की समस्या कई प्रकार के कैंसर में आम है, खासकर फेफड़ों के कैंसर के मरीजों में.''
जब फेफड़ों का कैंसर मस्तिष्क में फैल जाता है, तो इसका इलाज विकिरण और सिस्टमिक कीमोथेरेपी जैसे उपचारों के माध्यम से किया जा सकता है. ये उपचार फेफड़ों में मौजूद मुख्य कैंसर और मस्तिष्क में फैले कैंसर दोनों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
भारत में फेफड़ों के कैंसर के लिए तम्बाकू धूम्रपान प्रमुख जोखिम फेक्टर है, जिससे बहुत से लोगों में यह बीमारी होती है.
एस्टर आरवी अस्पताल के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी एवं लंग ट्रांसप्लांटेशन के प्रमुख कंसल्टेंट पवन यादव ने बताया, "सिगरेट पीना फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है, जो सभी मामलों में लगभग 85 प्रतिशत जिम्मेदार है. सिगरेट पीना बंद करना जोखिम को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है."
इसलिए सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू उत्पादों के सेवन से बचें. अधिक वाले प्रदूषण वाले नगरों और क्षेत्रों में मास्क का उपयोग करें.
कफ बनने पर डॉक्टर से फेफड़ों की जांच करवाएं. हालांकि, कैंसर का जल्द पता लगाना और समय पर जांच कराना, फेफड़ों के कैंसर के परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.