ब्रह्मोस मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी गति है. यह माक 2.8 से माक 3.0 तक की रफ्तार से उड़ान भर सकती है, जो कि ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना तेज है.

इसके साथ ही यह मिसाइल 200 से 300 किलोग्राम तक का पारंपरिक वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता प्रारंभ में 290 किलोमीटर थी.

इस मिसाइल को जमीन, समुद्र, वायु और पनडुब्बियों से दागा जा सकता है, जो इसे अत्यधिक बहुउपयोगी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है.

वायुसेना के लिए BrahMos-A संस्करण को सुखोई-30 एमकेआई जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता, गति और रडार से बचने की क्षमता इसे दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में से एक बनाता है.

यह मिसाइल न केवल भारत की शक्ति को बढ़ता है, बल्कि देश को मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनाता है.

भारत ने ब्रह्मोस को फिलीपींस जैसे मित्र देशों को निर्यात करना भी शुरू कर दिया है, जिससे यह मिसाइल ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की एक वैश्विक पहचान बन रही है.

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