Basant Panchami 2025: मुस्लिम भी मनाते हैं बसंत पंचमी

मुस्लिम भी बसंत पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं

बसंत पंचमी के दिन देश की राजधानी दिल्ली में स्थित निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में बसंत पचंमी मनाई जाती है

इसके अलावा देश के अन्य सूफी संतों की दरगाहों में भी इसकी रौनक देखने को मिलती है.

हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में बसंत पंचमी मनाए जाने की परंपरा 900 साल पुरानी है

हजरत निजामुद्दीन के कई अनुयायियों में अमीर खुसरो भी एक थे.

भांजे के मृत्यु से हजरत निजामुद्दीन दुखी रहने लगे थे. उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए खुसरो इसका समाधान ढूंढने लगे.

एक दिन गांव की महिलाएं पीली साड़ी पहने, सरसों के फूल लिए और गीत गाते हुए जा रही थी. महिलाओं की खुशी देख खुसरो ने उनसे इसका कारण पूछा.

महिलाओं ने कहा वे अपने भगवान खुश करने के लिए पीले फूल चढ़ाने के मंदिर जा रही हैं. खुसरो ने उनसे पूछा, क्या इससे भगवान खुश हो जाएंगे?

महिलाओं ने ‘हां’ में उत्तर दिया और इसी के साथ खुसरों को हजरत निजामुद्दीन के चेहरे पर मुस्कान लाने की तरकीब मिल गई.

वे भी पीली साड़ी पहनकर, हाथों में पीले फूल लेकर "सकल बन फूल रही सरसों' गीत गाते हुए हजरत निजामुद्दीन के पास पहुंच गए.

click here to new story