बिहार, यूपी, कश्मीर क्यों गौरवान्वित है हुमा तनवीर से, जानिये उनके बारे में

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 14-01-2022
बिहार, यूपी, कश्मीर क्यों गौरवान्वित है हुमा तनवीर से, जानिये उनके बारे में
बिहार, यूपी, कश्मीर क्यों गौरवान्वित है हुमा तनवीर से, जानिये उनके बारे में

 

सेराज अनवर / पटना

हुमा तनवीर पर तीन राज्यों बिहार, उत्तरप्रदेश और जम्मू कश्मीर के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. हुमा को एशिया की 100 प्रभावशाली महिला अवार्ड से सम्मानित किया गया है. हुमा का सम्बंध बिहार से है, जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ और शादी जम्मू कश्मीर में हुई है. फिलहाल वह दिल्ली में रह रही हैं. मां निगार परवीन एक गृहणी हैं, पिता तनवीर आलम मुगलसराय में चीफ इंस्पेक्टर ऑफ टिकट (सीआइटी) के पद पर हैं. हुमा अंतरराष्ट्रीय ख्याति की लेखिका हैं. इनकी बेटी हुमा तनवीर एक अन्तर्राष्ट्रीय पहचान वाली लेखिका हैं. हुमा तनवीर की 6 किताबें अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी में प्रकाशित हो चुकी हैं. पिछले वर्ष उनकी की सातवीं किताब इंडिया में प्रकाशित हुई. हुमा को अमेरिकी विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी आफ पेन्नसिल्वानिया के लेक्चरर्स क्लब ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया है.

इन्फ्लुएंशियल वीमैन अवार्ड 2021

एशिया टॉप 100 इन्फ्लुएंशियल वीमैन अवार्ड 2021 के नामांकन सितम्बर में शुरू हुए थे. पूरे एशिया से 300 से अधिक नामांकन प्राप्त किए गए. नामांकन में से, चयन समिति ने विभिन्न व्यवसायों, देशों, और समुदायों से टॉप 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं का चयन किया.

हुमा तनवीर का चयन बतौर लेखिका किया गया. मुख्य अतिथि हिरांशी शाह चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ आर्बिट्रेटर्स, यूनाइटेड किंगडम के एसोसिएट सदस्य की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में सभी 100 नामों की घोषणा की गई. यह अवार्ड समारोह क्राउन टाइम्स संगठन द्वारा आयोजित किया गया.

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19 साल की उम्र में वह लैम्बर्ट पब्लिशिंग हाउस, जर्मनी के साथ दो बुक डील साइन करने वाली सबसे कम उम्र की अंतरराष्ट्रीय लेखिका बन गई थीं.

अमेरिका में होगा हुमा का व्याख्यान

हुमा को अमेरिका में वुमन आंत्रप्रिन्योरशिप पर व्याख्यान देना है. इसी शीर्षक से हुमा की पुस्तक जर्मनी की प्रकाशन संस्था लैम्बर्ट एकेडमिक पब्लिशिंग ने वर्ष 2011 में प्रकाशित की है. इसका प्रचार-प्रसार अमेरिका सहित यूरोप के कई देशों में हुआ. मालूम हो कि पहली बार 2010 में लैर्म्बट एकेडमिक पब्लिशिंग ने दिल्ली में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में हुमा तनवीर के एक लेख को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया था.इसमें कई विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था. हुमा के इस लेख को लैम्बर्ट ने वुमन एंपावरमेंट, द सोशल एंड कन्ट्रोवर्सियल इश्यूज को पुस्तिका के रूप में छापा था. अगले वर्ष 2011 में हुमा की दो पुस्तकें, हाउ टू बिकम रिच और वुमन आंत्रªप्रिन्योरशिप भी छपी.

नारी सशक्तीकरण पर फोकस

हुमा तनवीर ने अपनी इन पुस्तकों में विकासशील देशों ,खासकर एशियाई मुल्कों में स्त्री जाति के शोषण और समाज में उनकी कमजोर स्थिति को रेखांकित किया है.

इसके साथ ही उनकी दशा बदलने के लिए महिला उद्यमिता की जरूरत को रेखांकित करते हुए इस बात पर बल दिया है कि आर्थिक आत्मनिर्भरता ही स्त्री की दशा को बदल सकती है. हुमा की पुस्तक, हाउ टू बिकम रिच को दिल्ली के चर्चित प्रकाशक पुस्तक महल ने हिन्दी में शीघ्र ही प्रकाशित करने का अनुबंध किया है.

हुमा की प्रकाशित ये तीनों पुस्तकें मोटिवेशनल बुक्स की श्रेणी में हैं. इनमें विशेष रूप से नारी सशक्तीकरण के लिए उनका संकोच तोड़ने और उद्यमिता की ओर बढ़ने पर फोकस है.

हुमा ने बताया कि वह भविष्य में भी ऐसी पुस्तकें लिखना चाहती है, क्योंकि समाज में नारी जाति की दशा व दिशा सुधारने के लिए प्रेरित करने वाली ऐसी पुस्तकों की बेहद जरूरत है.

अंतरराष्ट्रीय पाठकों की प्रिय लेखिका

हुमा तनवीर कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पाठकों की प्रिय रही हैं. 29 साल की हुमा तनवीर छह साल में सात बेस्टसेलर लिख चुकी हैं. अमीर कैसे बनें, प्यार करने की कला और शारीरिक भाषा- हमारे आत्म और आत्मा का एक सूक्ष्म जगत, उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं. हुमा हाल ही में अपना नया उपन्यास ‘ हे लव्ड मी इनफ टू लेट मी गो ’ लाई हैं, जो कश्मीर में स्थित ‘अयान’ की कहानी बताता है, जो अपने दर्दनाक अतीत को दूर करने की कोशिश कर रहा है. जब हुमा तनवीर सिर्फ 19 साल की थीं, तब उनकी पहली किताब ‘द सोशल एंड कॉन्ट्रोवर्सियल इश्यूज’ प्रकाशित हुई थी. और फिर, कुछ ही वर्षों के भीतर, हाउ टू बी रिच, वूमेन एंटरप्रेन्योरशिप, आर्ट ऑफ लविंग, ‘ बॉडी लैंग्वेज-हमारे आत्म और आत्मा का एक सूक्ष्म जगत, ’ जैसे बेस्ट सेलर की झड़ी लग गई.

हुमा तनवीर

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तनवीर आलम बिहार के भभुआ के वार्ड नंबर-16 के निवासी हैं. इस वक्त वह  मुगलसराय रेलवे में डिप्टी सीआईटी पद पर कार्यरत हैं. उनकी ही बेटी हैं हुमा. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से यात्रा और पर्यटन प्रशासन में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है.

उनकी शादी जम्मू-कश्मीर में हुई है. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक आईटी फर्म में काम करते हुए कुछ साल बिताए हैं. हुमा वर्तमान में नई दिल्ली में रहती हैं और एक डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम करती हैं.

मामा जमाल अफरोज, चाचा अफरोज आलम, मुजाहिद अख्तर समेत पूरा परिवार बिटिया की  इस उपलब्धि पर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है. चंदौली जिले के डीडीयू नगर की बेटी ने देश का नाम विश्व स्तर पर पर रौशन किया है. ‘

मंजिलें उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ’ मन में सच्ची लगन और मजबूत इच्छाशक्ति हो, तो सफलता अवश्य कदम चूम लेती है. हुमा तनवीर ने इसे हकीकत में तब्दील कर दिया है.