मोहम्मद अकरम / हैदराबाद
थिएटर का इतिहास यूं तो बहुत पुराना है, लेकिन हैदराबाद में लोगों तक कादिर अली बेग ने थिएटर को पहुंचाया. 1970 और 1984 मे अली बेग ने अपनी कला से लोगों के दिलों मे जगह बनाई.
कादिर अली बेग ने थिएटर के माध्यम से कुली कुतुब शाह, महबूब-ए-दक्कन और कोहिनूर का लुटेरा जैसे नाटक पेश कर लोगों का दिल जीता, बादशाह मुगल-ए-आजम और आसफ जाही के दौर को अपनी कला से पेश इतिहास रचा.
कार्यक्रम में नामी-गिरामी आर्टिस्ट भाग लेंगे.
उनकी मौत के बाद उनके पुत्र मोहम्मद अली बेग जो खुद एक निर्माता-निर्देशक हैं, ने हैदराबाद मे साल 2005 मे कादिर अली बेग थिएटर फाउंडेशन बना कर पिता की याद को जिंदा किया और जो पिछले 15 सालों से देश और दुनिया मे थिएटर के माध्यम से लोगों मे मुहब्बत का पैगाम दे रहे हैं.
2014 मे इस संस्था को भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड से नवाज चुका है, इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अवार्ड मिल चुके हैं. साथ कई फिल्मों में कादिर अली बेंग थिएटर फाउंडेशन की कला को दिखाया गया है.
कोरोना का असर इस पर भी पड़ा, 2020 मे थिएटर ऑनलाईन लोगों को दिखाया गया, दो साल के लम्बे इंतजार के बाद एक बार फिर कादिर अली बेग फाउंडेशन लोगों के बीच नाटक पेश करने जा रहा है, यह प्रोग्राम 21 अक्टूबर से शुरू होकर 24 तक चलेगा, पहले दिन हैदराबाद शहर के एमजी मार्केट मे पेश किया जाएगा, उसके बाद तीन दिन रेजिंटल होटल में होगा.
पहले दिन शाम 7.30 बजे प्रोग्राम शुरू होगा, जिसमे ‘गार्डन एट द ताज’ नाटक पेश किया जाएगा, ये नाटक राजीव जोसेफ द्वारा लिखित और शिशिर सिंह चौहान द्वारा निर्देशित है. उत्सव के दूसरे दिन शाम 7.30 बजे ‘ये रास्ते हैं प्यार के8 - 90 मिनट के हिंदी नाटक का प्रदर्शन किया जाएगा, इसे इला अरुण द्वारा लिखा गया है और केके रैना द्वारा निर्देशित है.
प्रोग्राम को कामयाब बनाने मे 30 लोगों की टीम शामिल होती है.
प्रोग्राम के मैनेजर कॉडीनेटर अनुज गुप्ता ने बताया कि ‘हमारे थिएटर में परिवार के लोग एक साथ बैठकर देखते हैं. इसमें सामाजिक, देश भक्ति दिखायी जाती है.’
उन्होंने आगे बताया कि ‘हमारी टीम देश के लगभग सभी छोटी-बड़ी जगहों पर प्रोग्राम कर चुकी है. इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता, पुणे समेत कई जगहें शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुबई, सिंगापुर, लंदन, इंस्तांबुल आदि जगहों पर पहुंच कर लोगों के दिलों मे जगह बनाई हैं.’
एक सवाल के जवाब मे कहा कि स्कूल में से बच्चों मे बढ़ावा देना चाहिए. बहुत सारे लोग सोचते है कि समय की बर्बादी है जो उनकी गलत सोच है. लोगों को चाहिए कि वह बच्चों को इससे जोड़ें.’