पुणे की शाहनवाज खान पठान बनी फर्स्ट क्लास जज

Story by  शाहताज बेगम खान | Published by  [email protected] | Date 12-07-2022
पुणे की शाहनवाज खान पठान बनी फर्स्ट क्लास जज
पुणे की शाहनवाज खान पठान बनी फर्स्ट क्लास जज

 

शाहताज खान/ पुणे

पुणे की शाहनवाज खान पठान (सुमैया) ने फर्स्ट क्लास जज के ओहदे तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर ली है. अगस्त माह में उनकी ट्रेनिंग प्रारंभ होगी. घोरपड़ी पैठ लोहिया नगर स्लम बस्ती में दस बाई दस की खोली में रहने वाली शाहनवाज खान पठान ने सिद्ध कर दिया कि खुद से वादा, मेहनत और मजबूत इरादा हो तो मंज़िल क़दम चूमती है.

चार बहनों और एक भाई में शाहनवाज खान पठान का नंबर तीसरा है. शाहनवाज खान पठान के पिता अमान खान पठान की एक छोटी सी किराने की दुकान थी. कम आय के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों को उचित शिक्षा दिलाने का भरसक प्रयास किया.

अमान खान पठान के पांचों बच्चे शिक्षित हैं. शाहनवाज खान पठान की कामयाबी ने उनके पिता को प्रफुल्लित कर दिया है. अमान खान पठान का कहना है कि वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण वह स्वयम इच्छानुसार पढ़ाई नहीं कर पाए थे. लेकिन सुमैया ने उनके सपनों को न केवल साकार किया बल्कि वो कामयाबी हासिल कर दिखाई कि आज लोग मुझे मेरे नाम से नहीं बल्कि शाहनवाज खान पठान के पिता के रूप में जानते हैं.

वह अत्यधिक भावुक होकर कहते हैं, “मुझे शाहनवाज पर फख्र है.”मुस्लिम महिला प्रथमवर्ग न्यायाधीश की मां सुग्राबी पठान अपने आंसू पोंछते हुए कहती हैं कि उनकी बेटी शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. उन्हें उससे बहुत उम्मीदें थीं और देखिए उसने कर दिखाया.

कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं

लोहिया नगर की संकरी गलियों में एक छोटी-सी खोली में और आसपास कोई शिक्षा का माहौल नहीं था.फिर भी शाहनवाज खान पठान ने अपनी कड़ी मेहनत से तारीख़ लिख दी और पुणे की पहली मुस्लिम प्रथमवर्ग न्यायाधीश बन गईं.

शाहनवाज कहती हैं, “केवल कल्पना करने से सफलता नहीं मिलती. सपनों को पूरा करने और सफलता प्राप्त करने के लिए कड़े परिश्रम की आवश्यकता होती है.”अपने परिवार के सहयोग के संबंध में वह कहती हैं,“पिताजी हर कदम पर मेरे साथ रहे, मेरा मार्गदर्शन करते रहे. मेरी शिक्षा के लिए जो भी ज़रूरत पड़ी उन्होंने अपनी छोटी-सी आमदनी में भी उसे पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया.”

वह आगे कहती हैं, “मेरे चाचा जिया खान पठान और चाची ने मुझे आगे बढ़ते रहने का जोश और उत्साह दिया. पहली किलास से लेकर जेएफएमसी के इंटरव्यू तक चाचा जी मेरी परछाई की तरह मेरे साथ थे. शहर से बाहर किसी इम्तहान के लिए जब भी जाना होता तो चाचा-चाची हर दम मेरे साथ रहते थे. मैं इम्तिहान देती और वह दोनों बाहर बैठ कर मेरा इंतज़ार करते और साथ ही कामयाबी की दुआएं करते रहते थे. उन्होंने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा.”

वह आगे कहती हैं, “2019में मिलने वाली नाकामी ने मुझे मायूस कर दिया था. मैं कई सालों से मेहनत कर रही थी. उस समय मेरे पिता जी ने मेरी हिम्मत बंधाई और मुझ पर अपना विश्वास दिखाते हुए कहा कि तुम कर सकती हो, फिर कोशिश करो. मैं ने नए जोश और विश्वास के साथ फिर कोशिश की और 2020 में घोषित नतीजों की लिस्ट में मेरा नाम शामिल था.”

जैसा सोचते हो वैसे ही बन जाते हो

सोफोकलस ने कहा था,"मुझे विश्वास है कि हर व्यक्ति एक प्रतिभा के साथ पैदा होता है. बस हमें ज़रूरत होती है उस प्रतिभा को निखारने की." यह बात पूर्ण रूप से शाहनवाज खान पठान पर सटीक बैठती है. शाहनवाज ने न केवल अपनी दिलचस्पी को पहचाना अपितु सही दिशा का चुनाव करते हुए लगातार मेहनत भी की. मंज़िल तक पहुंचने के लिए सही रास्ते के निर्णय ने उन्हें मंज़िल तक जल्द पहुंचने में मदद की.

महर्षि अन्नासाहेब शिंदे, ज़िला परिषद स्कूल से अपनी शिक्षा का सफ़र शूरू करने वाली शाहनवाज आज जज की कुर्सी पर विराजमान हैं. उनका मानना है कि शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं बल्कि शिक्षा ही जीवन है.वह कहती हैं, “दृढ़निश्चय ही था कि आसपास का माहौल उनके मार्ग की बाधा नहीं बना.”कुछ समय पहले उनका परिवार कोंढवा इलाके में अपने नए मकान में शिफ्ट हो गया है.

कामयाबी का सफ़र

महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के दूसरे ही प्रयास में सिविल जज-कम-ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास में कामयाबी हासिल की इस से पहले वह वकील की हैसियत से प्रैक्टिस कर रही थीं. जेएफएमसी के नतीजे आने के पहले ही उनकी शादी सॉफ्टवेयर डेवलपर सनी सैय्यद के साथ तय हो चुकी थी और 25मई, 2022को अमान खान पठान ने अपनी जज साहबजादी को रोते हुए खुशी-खुशी विदा किया.

शाहनवाज अपने शौहर के साथ पुणे के ही उरूड़ी कंचन इलाके में रहती हैं.

न्यायाधीश का पैगाम

शाहनवाज कहती हैं कि आम लोगों को कानूनी जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए ताकि लोगों को मालूम हो सके कि कानूनकिस तरह उनकी सहायता कर सकता है. भारतीय कानून व्यवस्था की उचित जानकारी देने के लिए लीगल कैम्प, स्ट्रीट प्ले काफ़ी सहायक हो सकते हैं.

वह कहती हैं कि उचित जानकारी का अभाव समस्या हल नहीं करता, बल्कि बढ़ा देता है. जबकि एक आम नागरिक अपनी शिकायतों को दूर करने के लिए कानून के दायरे में रहकर देश की उन्नति में सहायक बन सकते हैं.

मेहनत, मेहनत और सिर्फ़ मेहनत

सफलता प्राप्त करने के लिए केवल एक ही रास्ता है और वह है मेहनत का. आज शाहनवाज के लिए पूरे पुणे शहर में प्रोग्राम किए जा रहे हैं. हर दूसरे दिन उन्हें किसी न किसी मंच पर सम्मानित किया जा रहा है. वह लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं. और यह सुनिश्चित किया उनकी अनथक मेहनत और लगन ने.