सेराज अनवर/ पटना
बिहार की राजधानी पटना से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अरवल जिला नक्सलवाद के असर की वजह से पहले चर्चा में रहता था. मगर, इन दिनों अरवल किसी दूसरी वजह से चर्चे में है. यह चर्चा बॉलीवुड से जुड़ी है.
कभी सिने अभिनेताओं के कपड़ा सिलाई करने वाले मोहम्मद आफ़ताब आजकल अपनी कारीगरी का जौहर अरवल में दिखा रहे हैं. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण मुम्बई नगरी से लौटने के बाद उन्होंने अरवल में टेलरिंग की दुकान खोल ली है. उनकी शोहरत अब इलाक़े में फैलती जा रही है.
मोहम्मद आफ़ताब के दीवाने रहे हैं बॉलीवुड अभिनेता
आफताब का दावा है कि उन्होंने फ़िल्म स्टार दिलीप कुमार से लेकर शाहरुख़ खान तक के कपड़े सिले हैं. मुम्बई के मस्जिद रेलवे स्टेशन के मशहूर केके टेलर में इन्होंने बीस साल तक कारीगरी की, जहां फ़िल्म अभिनेताओं का आना-जाना लगा रहता है.
कौन है मोहम्मद आफ़ताब?
मोहम्मद आफ़ताब पहले पटना के दानापुर में रहते थे. आफताब ने दानापुर से आठवीं तक पढ़ाई की और इसके बाद टेलरिंग के काम में जुट गए. पहले इन्होंने पटना के बोरिंग रोड स्थित टैरो टेलर के यहां काम सीखा. 1
995 में वह मुम्बई चले गए और वहां केके टेलर में काम करने लगे. सन 2000 से पिछले साल तक वह केके टेलर में काम करते रहे. और शायद कोराना का आगाज नहीं होता और लॉकडाउन नहीं लगता तो वह अभी मुम्बई में ही रहते.
मोहम्मद आफ़ताब कहते हैं, “हर कारीगर की खासियत होती है. कोई शर्ट का स्पेशलिस्ट होता है तो कोई कुर्ते का. वह पैंट के स्पेशलिस्ट हैं.”
वह बताते हैं कि केके टेलर में स्पेशलिस्ट कारीगरों को ही रखा जाता है. वह कहते हैं, “मेरा काम पैंट की कटिंग-फ़िटिंग का था.”
मुम्बई के मस्जिद रेलवे स्टेशन के पास यह टेलरिंग हाउस पचासों साल पुराना है. इसकी प्रसिद्धि पूरे महाराष्ट्र में है. देश के पूंजीपति और बॉलीवुड दुनिया के अभिनेताओं का यह पसंदीदा टेलरिंग हाउस है. आफताब का दावा है कि वहां पर दिलीप कुमार से लेकर शाहरुख खान तक ने अपने कपड़े सिलवाए हैं.
आफताब ने सिले फिल्म ‘मुहब्बतें’के पैंट
आफ़ताब का दावा है कि मुहब्बतें फ़िल्म में शाहरुख़ खान ने जो पैंट पहनी थी,उसकी सिलाई उन्हीं ने की थी. वह कहते हैं कि उन्हें शाहरुख़ खान के बंगले मन्नत में भी जाने का मौका मिला है.
वह बताते हैं कि केके टेलर के मालिक महेश बाबू के साथ शाहरुख़ खान के बंगले पर नाप लेने गया था. उनके अनुसार कुछ अभिनेता टेलरिंग हाउस आते थे और कुछ के बंगले पर नाप लेने जाना पड़ता था.
अरवल में अब दिखा रहे हुनर
मुम्बई छोड़ने के बाद अरवल आ गए और शाही मोहल्ला स्थित घर पर ही सिलाई का काम कर रहे हैं. पैंट-शर्ट की सिलाई की क़ीमत पांच सौ रुपया लेते हैं. फ़िटिंग की वजह से इनकी शोहरत अरवल के अलावा आरा,गया,जहानाबाद और पटना तक पहुंच रही है. आफ़ताब बताते हैं कि भोजपुर,जहानाबाद से भी पैंट सिलाने लोग उनके पास आने लगे हैं. और अब उनका इरादा मुम्बई लौटने का नहीं है. यहां इतना काम है कि फ़ुर्सत नहीं है. यहीं रह कर अपने टेलरिंग के धंधे को विस्तार देंगे.