छोटे बच्चों की पेंटिंग में झलका हिंदुस्तान

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] • 2 Years ago
पांचवी के छात्र अगमप्रीत सिंह की पेंटिंग
पांचवी के छात्र अगमप्रीत सिंह की पेंटिंग

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

लंबे समय तक चली प्रक्रिया के बाद आखिरकार आवाज- द वॉयस के चित्रकला-सह-स्लोगन प्रतियोगिता का परणिमा आ गया. प्रतियोगिता का परिणाम रविवार को स्वंतत्रता दिवस समारोह के बाद पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने घोषित किया.

इस प्रतियोगिता में हजारों बच्चों ने भाग लिया. जानकारों की एक टीम ने उनमें से 300 कृतियों को शॉर्टलिस्ट किया. इनमें सीनियर वर्ग में (कक्षा 11वीं – 12वीं) में जमशेदपुर के मोहम्मद तौहीद खान पहले स्थान पर रहे. कक्षा 8, 9 और दसवीं वाले वर्ग में ग्रेटर नोएडा की सुमेधा श्रीवास्तव पहले स्थान पर रहीं. सुमेधा कक्षा 7 की छात्रा हैं. जबकि, पिंपरी-चिंचवाड की साक्षी सोमेश्वर त्रिंबके जूनियर वर्ग (कक्षा 4 से कक्षा 7) पहले स्थान पर रहीं.

इन सभी प्रतियोगियों को 10,000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया है.

परिणामों की घोषणा करते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने प्रतियोगियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना तो की ही, उन्हें बेहतर नागरिक बनने का परामर्श भी दिया. 

साक्षी

पिंपरी-चिंचवाड़ की साक्षी सोमेश्वर त्रिंबके ने हासिल किया जूनियर वर्ग में पहला स्थान (उनकी बनाई पेटिंग)

कक्षा 4 से कक्षा 7 वाले वर्ग में पहला स्थान पुणे के उप-नगर पिंपरी-चिंचवाड़ की साक्षी सोमेश्वर त्रिंबके ने हासिल किया. ज्यूरी के मुताबिक, साक्षी  ने अपने चित्र में परावलंबी भारत से आत्मनिर्भर भारत के विभिन्न आयामों को उकेरने की कोशिश की है और उनके चित्रों में एक लय है. साक्षी ने अपनी पेंटिंग के लिए जलरंग का इस्तेमाल किया था.

इस वर्ग में दूसरा स्थान कड़े मुकाबले की वजह से दो छात्रों को दिया गया. इनमें एक तो नई दिल्ली के छात्र अगमप्रीत सिंह रहे, जिन्होंने परिणाम के कार्यक्रम में एक नाट्य-प्रस्तुति भी दी. पांचवीं के छात्र अगमप्रीत ने चटख रंगों के इस्तेमाल से एकजुट भारत को कैनवास पर उकेरा.

अगमप्रीत

अगमप्रीत सिंह ने जूनियर वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया

दूसरे स्थान पर ही रहने वाली दूसरी छात्रा नई दिल्ली की ही जसलीन कौर रहीं. इन दोनों को 5,000 रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए. जसलीन ने भारतीय आजादी और 75 वर्षों  सफर में भारत को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के योगदान को उकेरते हुए पेश किया.

जसलीन कौर

जसलीन कौर को भी दूसरा पुरस्कार दिया गया. 

तीसरे स्थान पर पुणे के तनय महेश गाडगे रहे. तनय ने आवाज- द वॉयस से बात करते हुए कहा कि उन्हें लॉकडाउन के दौरान सड़को पर उतरे प्रवासी मजदूरों की दशा देखकर बहुत बुरा लगा और उन्होंने उसी को अपनी पेंटिंग मे स्थान दिया. तनय ने कहा कि वह बड़े होकर कोशिश करेंगे कि हर जरूरतमंद को खाना और घर दिया जाए.

तनय महेश गाडगे

तनय महेश गाडगे की पेटिंग

इस लिहाज से पेंटिंग प्रतियोगिता अपने मकसद में पूरी तरह सफल रही कि इसने देश के भावी नागरिकों को एक दफा फिर से यह याद दिलाया कि हिंदुस्तान हमारा है और इसका भविष्य हम सभी लोग ही तय करेंगे, सुनहरा अतीत तो है ही, भविष्य उज्ज्वल हो इसका नींव अभी से रखनी होगी.