कर्नाटक: सरकारी स्कूल के टीचर की बेटी फातिमा ने ऐसा क्या किया कि हो रही है तारीफ ?

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 23-09-2021
 फातिमा का जलवा, आया  9 वां रैंक
फातिमा का जलवा, आया 9 वां रैंक

 

 मोहम्मद अकरम / हैदराबाद
 
मुसलमानों की शैक्षणिक हालत बेहतर करने के लिए शाहीन ग्रुप कई वर्षों से समाज के अंदर काम कर रहा है. उसके प्रयासों से हर साल हजारों बच्चे देश के  प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर परिणाम दे रहे हैं. एक उदाहरण फिर सामने आया है.
 
कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (के सी ई टी) 2021 के परीक्षा में शाहीन ग्रुप कीनिशात फातिमा ने राज्य में 9वां रैंक हासिल कर अपने-माता का नाम रोशन किया है. फातिमा ने बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज (बीएनवाईएस) और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस बायोलॉजी में 60 में  60 अंक हासिल किया.
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कर्नाटक के बीदर की रहने वाली निशांत फातमा की इस कामयाबी पर शाहीन ग्रुप के अध्यक्ष अब्दुल कदीर ने बताया कि उसने कर्नाटक राज्य मे 9वां रैंक हासिल कर एक बार फिर मेरा सर उंचा किया है. शाहीन ग्रुप का मिशन है जिसके जरिये हजारों बच्चों को प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करता है. इस से पहले हमारे यहां से रईस खां, अरबाज खान, अबू सुफयान जैसे हजारों बच्चों ने डॅाक्टर, इंजीनियर समेत दूसरे मैदान में कामयाबी के झंडे गाड़े हैं.
 
यह सिलसिला 33 साल से जारी है. अब तक करीब 2 हजार बच्चे सरकारी प्रतियोगिताओं में कामयाबी हासिल कर चुके हैं. संस्था की देश भर मंे शाखाएं हैं.निशात फातिमा जो एक मामूली घराने की रहने वाली है, उनके पिता गयासुद्दीन लगीक सरकारी स्कूल में शिक्षक हंै. बेटी की कामयाबी पर बतातें हैं, आज मैं बहुत खुश हूं. इसे डॅाक्टर बनाऊंगा. शाहीन ग्रुप का शुक्रिया जिसने बेटी को इस काबिल बनाया. हमारे तीन लड़के हैं, जो उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं.ं
 
गयासुद्दीन ने कहा कि माता पिता को चाहिए कि वह कभी भी लड़के-लड़कियों की पढ़ाई को लेकर भेदभाव न करें, ताकि लड़कियों को प्रतियोगी परीक्षा मंे शामिल होने का मौका मिल सके. इससे वह अपनी क्षमता साबित कर सकेंगी.
 
वह आगे कहते हैं कि मेरे तीन लड़के हैं. फातमा इकलौती लड़की है, लेकिन मैंने कभी भी पढ़ाई में भेदभाव नहीं किया. हमेशा  बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देता रहा हूं, जिसका नतीजा है कि आज इसने कर्नाटक पर 9वां रैंक हासिल किया है.  
 
तीन भाई के बाद सबसे छोटी निशात फातिमा ने कहा कि अल्लाह का बहुत बड़ा करम है, जिसने हमें कामयाबी दी. अभी मंजिल बाकी है. इसमंे हमारे माता पिता और शिक्षकों को इसका श्रेय जाता है.
निशांत का ख्वाब है कि वह डॉक्टर बन कर लोगों और देश की सेवा करेंगे.
 
मालूम हो कि सोमवार को जारी किए गए परिणाम मंे शाहीन ग्रुप संस्थान के 26 छात्रों ने शीर्ष पांच सौ में जगह हासिल की है.