Fifa World Cup: फाइनल देखने ड्राइविंग कर भारत से कतर के लिए निकलीं नाजी नौंशीं दुबई पहुंचीं

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-11-2022
फीफा विश्व कप 2022ः फाइनल मैच देखने अकेले ड्राइविंग कर भारत से कतर के लिए निकलीं नाजी नौंशीं दुबई पहुंचीं
फीफा विश्व कप 2022ः फाइनल मैच देखने अकेले ड्राइविंग कर भारत से कतर के लिए निकलीं नाजी नौंशीं दुबई पहुंचीं

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली

मेसी और अर्जेंटीना के खेल की दिवानी पांच बच्चों की मां नाजी नौशीं केरल से कतर जाने के लिए दुबई पहुंच गई हैं. सफर पर निकलने से पहले रास्ते मंे फोटो लेने के लिए उन्हांेने जो सूची बनाई थी, उनमें से एक बुर्ज खलीफा भी है. दुबई पहुंचते ही सबसे पहले उन्हांेने बुर्ज खलीफा के आगे सुंदर तस्वीरें खिंचवाईं.

नाजी नौशीं शनिवार देर शाम संयुक्त अरब अमीरात पहुंची हैं. उन्होंने बताया कि एक दिन के विश्राम के बाद उनका सफर आगे कतर के लिए जारी रहेगा. नाजी नौंशीं अपने महिंद्रा थार एसयूवी से अकेले 15 अक्टूबर को केरल से कतर मंे चल रहे फीफा वर्ल्ड कप 2022 खेल देखने के लिए निकली हैं. 
 
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यूएई की यात्रा से आगे

उन्होंने बुधवार शाम हट्टा बॉर्डर के रास्ते ओमान से यूएई में प्रवेश किया.दुबई पहुंचने पर उन्होंने बताया कि फोटो क्लिक करने के लिए उनका पहला पड़ाव दुनिया का सबसे ऊंचा टॉवर बुर्ज खलीफा था.
 
यहां पहुंचते ही उन्होंने अपनी ख्वाहिश पूरी की और बुर्ज खलीफा के आगे तस्वीरें खिंचवाईं. वह कहती हैं, यहां आकर मैं बहुत खुश हूं.हालांकि, नाजी को अभी और लंबा सफर तय करना है.
 
केरल से दुबई तक की यात्री  आसान नहीं रही है. उन्होंने बताया, मुंबई से ओमान तक उनके एसयूवी को शिपिंग कर लाया गया, जो एक बड़ी चुनौती थी.
 
नाजी नौशीं ने बताती हैं, मुझे कई शिपिंग कंपनियों ने बताया गया कि मैं अपनी गाड़ी नहीं ले जा सकती. तब मैंने भारत में ओमान वाणिज्य दूतावास और महावाणिज्यदूत से संपर्क किया.
 
वह मेरी यात्रा से बहुत प्रभावित हुए. इसके लिए जरूरी कागजाती अनुमति उपलब्ध कराई. उन्हांेने बताया कि उनकी कार ओमान भेजे जाने वाली पहली भारतीय-पंजीकृत दाहिने हाथ की गाड़ी है.
 
मुंबई से वह खुद हवाई जहाज से ओमान पहुंची. उसके बाद स्पाइडरमैन सूट पहन कर अपने बच्चों को सरप्राइज देने घर पहुंच गईं. नाजी नौंशी मूल निवासी केरल की हैं, पर पति के साथ ओमान में रहती हैं. यात्रा के चक्कर में वह पिछले दो महीने से अपने बच्चांे से अलग रह रही हैं. पांच बच्चों में उनकी सबसे बड़ी सनतान 14 वर्ष की है.
 
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यात्रा के लिए शुक्रिया

यात्रा के समर्थन के लिए वह भारत सरकार, केरल सरकार,सउदी सरकार का शुक्रिया अदा करती हैं. उन्हांेने बताया कि आम लोगों ने भी उनकी भरपूर मदद की. इसके अलावा वह अपनी मां और पति नौशाद को धन्यवाद देना नहीं भूलतीं.
 
नौशीं कहती हैं इनके सहयोग से उनका सपना संभव होने जा रहा.एक पाकिस्तानी ने बताया कि उसने नौशीं के बारे में सोशल मीडिया में पढ़ा था. वह कहता है, वास्तव में इनकी प्रशंसा करता हूं कि इतना साहब दिखाया. 
 
नाजी नौशीं ने बताया कि जब उन्हांेने यात्री की योजना बनाई, तभी से लोग मुझे हर कदम पर सहायता दे रहे हैं.वह महिंद्रा थार से सफर कर रही हैं.महिंद्रा थार के एजेंटों ने भी कार से यात्रा में भरपूर मदद की. वह बताती हैं कि उनके सफर पर निकलने से एक दिन पहले उन्हें गाड़ी उपलब्ध कराई गई थी. 
 
हालांकि, नाजी ने स्वीकार किया कि उन्हें अकेली महिला होने के कारण कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ीं. कुछ प्रायोजक भी बहुत मुश्किल से मिले.
 
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महिंद्रा थार में सुविधाएं

33 वर्षीय नौशीं कस्टमाइज्ड महिंद्रा थार एसयूवी चला रही हैं. इसमें एक बिल्ट-इन किचन है और इसकी छत से जुड़ा एक टेंट भी है. नाजी ने अपने एसयूवी का नाम ‘ओलू’ रखा है, जो एक मलयालम शब्द है. इसका अर्थ है शी. एसयूवी की पिछली सीटें हटा दी गई हैं और छोटी रसोई और सोने की जगह में तब्दील कर दिया गया है.
 
इस संक्षिप्त रसोई में चूल्हा और गैस सिलेंडर के अलावा चावल, पानी, आटा, मसाले और अन्य सूखे सामान रखे हुए हैं, जिन्हें चलते-फिरते पकाया जा सकता है. वह बताती हैं, मैंने जितना हो सका खाना बनाने की कोशिश की है. इससे पैसे बचाते हैं और फूड प्वाइजनिकंग से भी बचा जा सकता है.
 
यूएई से नाजी अपनी पसंदीदा टीम का खेल देखने के लिए कतर पहुंचने से पहले अन्य जीसीसी देशों में जाएंगी. वह कहती हैं, मैं अर्जेंटीना की कट्टर प्रशंसक हूं और पहले मैच में उसकी हार ने उन्हें परेशान कर दिया था.
 
केरल के कन्नूर जिले की रहने वाली नाजी नौशी केपति नौशाद ने उनके लिए फीफा वर्ल्ड कप नजदीक से देखने का सारा इंतजाम किया है. आवाज द वायस से फोन पर बात करते हुए नाजी नौशी ने बताया, कुन्नूर में उनकी यात्रा को केरल के ट्रांसपोर्ट मंत्री अंटोनी राजू ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
 
वह गर्व से कहती हैं, मुझे फख्र है कि मैं गाड़ी से सफर करके कतर पहुंचे वाली पहली मुस्लिम युवती होंगी. उनकी योजना यूएई, कुवैत और सऊदी अरब के रास्ते कतर पहुंचने की है. उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को फाइनल मैच देखने कतर में हांेगी.
 
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लाइसेंस और परिवार

जब उनसे सवाल किया गया कि आप ने विदेश में गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का इंतजाम कैसे किया ? इसपर बोलीं कि उनके पति नौशाद ओमान में रहते हैं. मैं भी वहां कई सालों से रह रही हूं.
 
मेरे पास ओमान का ड्राइविंग लाइसेंस है जिसे अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस में परिवर्तित किया गया है. इस लिए हमें रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं होने की उम्मीद है. भारत के विदेश मंत्रालय से भी यात्रा मंे सहयोग मिल रहा है.
 
महिलाओं की प्रेरणा

12वीं क्लास तक शिक्षा हासिल करने वाली नाजी नौशी बताती हैं कि वह भारतीय टीम को फीफा वर्ल्ड कप खेलते हुए देखना चाहती हैं. वह आगे कहती हैं कि वह जिस इलाके से आती हैं वहां की महिलाएं आज भी घरों से बाहर निकलने पर असहज महसूस करती हैं. लेकिन उनका यह सफर पहला नहीं. पहले भी कई बार लंबी कामयाब सफर कर चुकी हैं.
 
महिलाओं के बारे में कहती हैं, मेरे पांच बच्चे हैं जिसकी देखभाल मैं खुद करती हूं. इस वक्त उन्हें पति और दादी के पास छोड़ कर आई हैं.वे ओमान में हैं. वह कहती हैं, मुझे उम्मीद है कि दूसरी महिलाएं भी उनसे प्रेरित होंगी.नाजी नौशी यूटूबर ब्लॉगर भी हैं. इससे पहले वह अकेले गाड़ी से लद्दाख की यात्रा कर चुकी हैं.