आवाज-द वॉयस / श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती मुफ्ती नसीरुल इस्लाम ने कहा है कि कश्मीरी समाज में नशीली दवाओं का इस्तेमाल और व्यापार इस हद तक बढ़ गया है कि अगर कोई उपाय नहीं किया गया, तो वर्तमान पीढ़ी उसी महामारी की चपेट में आ सकती है.
उनका मानना है कि समाज से नशीले पदार्थों को मिटाने की जिम्मेदारी प्रशासन की ही नहीं, बल्कि उलमा, इमामों और उपदेशकों की भी होती है.
उन्होंने कहा कि यहां न केवल नशीली दवाओं का उपयोग और तस्करी, बल्कि अन्य सामाजिक कुरीतियां भी बढ़ रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक, यहां 70हजार से ज्यादा लोग नशे के आदी हैं. दूसरी रिपोर्ट में यह संख्या ढाई लाख के करीब है. अगर यही स्थिति रही, तो जल्द ही हर घर में एक नशेड़ी नशा हो जाएगा.
अपने भाषण में उन्होंने युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का निर्देश दिया और कहा कि अगर हमारे युवाओं ने अभी तक नशा नहीं छोड़ा है, तो इसके परिणाम खतरनाक रूप से गंभीर हो सकते हैं. इसलिए नशा जागरूकता अभियान शुरू करने और लोगों को इससे दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है.