अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के भाषा विज्ञान विभाग के पीएच.डी. शोधार्थी मंज़ूर अहमद ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “NEP 2020 और बहुभाषावाद: शिक्षक शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार” में अपने शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण किया। इस सम्मेलन का आयोजन मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU), नूह, हरियाणा के शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय द्वारा किया गया। मंज़ूर अहमद ने अपने शोधकार्य में डॉ. पल्लव विष्णु के मार्गदर्शन में “शिक्षक शिक्षा में ICT और बहुभाषी डिजिटल शिक्षण पद्धतियों का एकीकरण: NEP 2020 के दृष्टिकोण को साकार करना” विषयक पेपर प्रस्तुत किया।
ऑनलाइन प्रस्तुति में मंज़ूर अहमद ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) और बहुभाषी शिक्षण दृष्टिकोणों की शिक्षक शिक्षा पर प्रभावकारी भूमिका पर प्रकाश डाला। उनके शोध में यह दर्शाया गया कि कैसे DIKSHA और SWAYAM जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म बहुभाषी शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच को व्यापक बना रहे हैं, जिससे भाषाई विविधता वाले कक्षाओं में समावेशिता और छात्रों की सहभागिता को बढ़ावा मिलता है।
साथ ही, उन्होंने डिजिटल शिक्षा में सामने आने वाली मुख्य चुनौतियों पर भी चर्चा की, जैसे कि डिजिटल विभाजन, स्थानीयकृत ई-कंटेंट की कमी, और शिक्षकों की तैयारी में कमी। मंज़ूर अहमद ने इसके समाधान के लिए लगातार पेशेवर विकास, संस्थागत समर्थन और प्रभावी नीति कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन उपायों के माध्यम से भारत में शिक्षक शिक्षा में डिजिटल शिक्षण पद्धतियों को मजबूत किया जा सकता है और NEP 2020 के लक्ष्यों को प्रभावी रूप से साकार किया जा सकता है।
उनके शोधपत्र ने शिक्षा और तकनीक के संगम को उजागर करते हुए बहुभाषावाद और डिजिटल शिक्षा को शिक्षक शिक्षा के परिवर्तनकारी तत्व के रूप में स्थापित किया।