अब्दुल कादिर : पुरानी साइकिल बदल दी इलेक्ट्रिक बाइक में

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-01-2022
आसिम का करतब: उन्होंने पुरानी साइकिल की, इलेक्ट्रिक बाइक में बदली
आसिम का करतब: उन्होंने पुरानी साइकिल की, इलेक्ट्रिक बाइक में बदली

 

शेख मुहम्मद यूनुस / हैदराबाद
 
हैदराबाद के अब्दुल कादिर आसिम अविष्कार की जननी हैं. हैदराबाद के इस युवक ने न केवल अपनी नवीन सोच और अद्वितीय बुद्धिमत्ता से एक नया अविष्कार किया, युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहे हैं.

अब्दुल कादिर आसिम ने बेहतरीन मानसिक और क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए अपनी पुरानी साइकिल को बहुत ही कम कीमत में इलेक्ट्रिक बाइक में बदल दिया. अब वह उन लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, जो पेट्रोल की कीमत में भारी वृद्धि के चलते अच्छे विकल्प की तलाश में हैं.
 
बचपन से अलग करने का शौक

अब्दुल कादिर आसिम आमिर पट वेंगल राव नगर में रहते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भवानी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की. यह एक छोटा स्कूल है, लेकिन विज्ञान मेले में स्कूल ने कई बार राज्य में टॉप किया है.
 
अब्दुल कादिर आसिम को बचपन से ही तरह-तरह के प्रोजेक्ट बनाने का शौक था. वह स्कूल में तरह-तरह के प्रोजेक्ट तैयार करते थे.एसएससी पूरा करने के बाद, आसिम ने सीईसी विषय के साथ इंटरमीडिएट पूरा किया.
 
बीकॉम की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने डेक्कन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एचआर में एमबीए की डिग्री हासिल की. अब वह ओमेगा टेक कंपनी में मानव संसाधन विभाग में काम करते है. वह डेटा एनालिस्ट हैं. हालांकि आसिम कॉमर्स ग्रेजुएट हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार करने में किया है.
aasim
पुरानी साइकिल बदल दी इलेक्ट्रिक बाइक में

पेट्रोल के दाम में रोजाना हो रही बढ़ोतरी से चिंतित आसिम ने अपनी पुरानी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलने का फैसला किया. आसिम को ऑफिस जाने के अलावा रोजाना के विभिन्न कामों के लिए पेट्रोल पर 150 रुपये प्रतिदिन खर्च करने पड़ते थे.
 
मगर साइकिल को बाइक बदलने में के लिए खरीदे गए सामानों की कुल कीमत 6500 रुपये है. आसिम ने अपने हुनर ​​और मानसिक क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए ये सारे उपकरण अपनी पुरानी साइकिल में फिट किए और अपनी साइकिल को बेहतरीन डिजाइन वाली इलेक्ट्रिक बाइक में तब्दील कर दिया.
 
दो बैटरियों को चार्ज करने के लिए प्रतिदिन एक यूनिट बिजली की आवश्यकता होती है. एक युनिट बिलजी की कीमत मात्र 30 रूपये है. एक यूनिट के चार्ज में इलेक्ट्रिक बाइक दिनभर तेज रफ्तार दौडती है.
 
इलेक्ट्रिक बाइक एक बार चार्ज करने पर लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय करती है.आसिम उसी इलेक्ट्रिक बाइक से अपने दैनिक कार्य और कार्यालय जाते हैं. उनके अभिनव कार्य की विभिन्न कोणों से सराहना हो रही है.
 
साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी

आसिम के इस प्रोजेक्ट्स को तैयार करने उनके दोस्त सत्यम ने भरपूर मदद की. हालांकि सत्यम आसिम से बड़े हैं, लेकिन उनकी दोस्ती आदर्श है. आसिम ने अपनी पुरानी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलने के लिए सत्यम के साथ काम किया. इसके अलावा, आसिम के पड़ोसी रघुनंदन, एक जाने-माने वैज्ञानिक ने भी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद की.
 
आसिम और सत्यम इस किसी कार्य को चुनौती के रूप में स्वीकारा और आपसी परामर्श से उसे अंजाम तक पहुंचाया.
 
पर्यावरण की रक्षा और बचत 

आवाज द वॉयस से बात करते हुए आसिम ने कहा कि इलेक्ट्रिक बाइक पर्यावरण को बचाने के साथ पर्यावरण बचाने में भी मददगार है. उन्होंने कहा कि दैनिक गतिविधियों के लिए हम वाहनों का उपयोग करते हैं जिसके लिए बहुत अधिक पेट्रोल की खपत होती है. वायु प्रदूषण भी होता है.
 
उन्होंने कहा कि पैसे बचाने के साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहन सबसे अच्छा विकल्प साबित हो रहा है. आसिम ने कहा कि इलेक्ट्रिक बाइक की स्पीड धीमी होती है और छोटे लड़के भी इसे आसानी से चला सकते हैं. इलेक्ट्रिक बाइक की कम स्पीड से दुर्घटना की संभावना भी कम होती है.
 
युवाओं की सहायता और मार्गदर्शन 

आसिम ने कहा कि बाजार में अलग-अलग तरह की किट हैं जिनके जरिए हम अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि कार डिजाइन करने का कोई महत्व नहीं है.
 
उन्होंने युवाओं से अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलने के लिए आगे बढ़कर प्रयास करने का आग्रह किया.साथ ही यह भी कहा कि यदि उन्हें इस दौरान किसी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो वो पूरी मदद और सहयोग के लिए तैयार हैं.
 
उन्होंने अपने साथियों के साथ युवाओं के प्रशिक्षण के लिए कक्षाएं आयोजित करने की भी मंशा जाहिर की. आसिम ने कहा कि कुछ भी असंभव नहीं है. परिणाम पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है.
 
हम दस बार असफल हो सकते हैं लेकिन हम ग्यारह वीं बार सफल होंगे. इसलिए व्यक्ति को कभी भी हीन या कमजोर महसूस नहीं करना चाहिए.
 
बड़ी परियोजनाओं पर काम करने की प्रतिबद्धता

आसिम ने कहा कि साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलने का काम उनके लिए आसान और सुविधाजनक था. अब उनकी योजना बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने की है.
 
आसिम ने कहा कि उनके पास पर्याप्त बिजली के उपकरण हैं और वे एक निजी वेल्डिंग मशीन खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि रघुनंदन और सत्यम ने उनकी अलगे प्रोजेक्ट में भी मदद कर रहे हैं.