आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
भारतीय खुफिया एजेंसियां ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के माध्यम से एक नया संगठन (आतंकवादी संगठन) बनाने को लेकर सतर्क किया है. नया संगठन सुरक्षाकर्मी, उनके सहयोगी, सरकार के करीबी मीडियाकर्मी, घाटी में गैर-मूल निवासी, कश्मीरियों को निशाना बनाएगा.
सत्तारूढ़ दल के नेताओं और उद्योगपतियों पर भी हमले किए जा सकते हैं. गुप्त सूत्रों को शनिवार को यह जानकारी मिली है. घाटी मंे हाल में हुई घटनाओं को इससे ही जोड़ कर देखा जा रहा है.
अंग्रेजी अखबार, टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली एक जानकारी के मुताबिक, आईएसआई समर्थक समूहों द्वारा 200 लोगों और उनके वाहनों की हिट लिस्ट तैयार की गई है. इनपुट से पता चलता है कि आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में विभिन्न संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात की.
टीओआई द्वारा देखे गए एक गोपनीय नोट में कहा गया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि नया फ्रंटल संगठन न केवल भविष्य में लक्षित हत्याएं करेगा. यह कार्यबल और नेटवर्क के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
पिछले साल, आईएसआई ने लश्कर के लिए द रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक संगठन का गठन किया, जो अब कश्मीर घाटी में अधिकांश हमलों का दावा कर रहा है. नया अलर्ट इंगित करता है कि बर्फबारी के दौरान भी आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं के प्रयास जारी रहेंगे.
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, घाटी में आरएसएस और भाजपा से जुड़े गैर-मूल निवासियों को भी आतंकवादी निशाना बनाते हैं. माना जाता है कि आतंकवादी समूह उन लोगों को मारने के लिए उपयोग करेगा जो अभी भी सुरक्षा कर्मियों की दृष्टि से बाहर हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं के रूप में काम करते हैं.
इसमें कहा गया है कि हत्या के लिए आवश्यक हथियारों (छोटे हथियारों) और विस्फोटकों (हथगोले) की तस्करी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार संकीर्ण और संकीर्ण क्षेत्रों में की जा रही है. घाटी के अंदर और बाहर सभी पुलिसकर्मियों और सुरक्षा इकाइयों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.