राकेश चौरासिया/नई दिल्ली
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद काबुल पहुंच गए हैं. वे टॉप तालिबान लीडरान से मुलाकात करेंगे. सूत्रों का कहना है कि तालिबान और हक्कानी गुट में सत्ता के बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही है. हमीद इस मामले में वहां बीच-बचाव के लिए पहुंचे हैं.
चौधरी परवेज नाम के एक यूजर ने ट्वीट किया है, “पाक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद सत्ता के बंटवारे को लेकर हक्कानी और मुल्ला बरादार समूह के बीच पैदा हुई गंभीर समस्या को हल करने के लिए तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में आमंत्रित किए जाने वाले सर्वोच्च रैंकिंग वाले विदेशी अधिकारी हैं.”
Pak Lt Gen Faiz Hameed is the highest-ranking foreign official to be invited by the #Taliban in #Afghanistan to solve the serious problem that has arisen between #Haqqani and Mullah #Baradar group over the division of power.#AfghanistanCrisis #AfghanistanBurning #Pakistan pic.twitter.com/h8ElwVSQu0
— Chaudhary Parvez (@ChaudharyParvez) September 4, 2021
मशहूर पत्रकार आदित्य राज कौल ने ट्वीट किया है, “पाकिस्तान आईएसआई प्रमुख फैज हमीद अफगानिस्तान के नए इस्लामी तालिबान शासन में शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों की सूची के साथ काबुल पहुंच गए हैं.”
Pakistan ISI Chief Faiz Hameed has reached Kabul with the list of ministers who will be sworn in the new Islamist Taliban regime of Afghanistan. pic.twitter.com/SUYSstyeBu
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 4, 2021
रुजयंता भट्टाचार्य ने ट्वीट किया है, “आईएसआई प्रमुख फैज हमीद काबुल पहुंचे. पाकिस्तान सेना ने पंजशीर में लड़ाई में तालिबान आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए 14 टैंक, 4 कोबरा हेलीकॉप्टर भेजे हैं.”
पाक पीएम इमरान खान ने ‘गुलामी की बेड़ियां तोड़ी दीं’ वाला बयान देकर तालिबान को भरपूर समर्थन दिया.
अब पाकिस्तान के खुफिया प्रभारी काबुल में मौजूदगी दर्ज हुई है.
हमीद के तालिबान से गहरे रिश्ते रहे हैं. वे तालिबान लीडरों के साथ नमाज पढ़ते हुए भी स्पॉट किए गए थे.
तालिबान के साथ नमाज पढ़ते हुए आईएसआई प्रमुख फैज हमीद
ये वे अकाट्य सबूत हैं, जो बताते हैं कि पाकिस्तान और तालिबान के गहरे रिश्ते हैं.
हक्कानी और तालिबान में सत्ता के बंटवारे को लेकर कोई विवाद है, तो उसे सुलझाने की आड़ में आईएसआई के हमीद पाकिस्तान के हित साधने से नहीं चूकेंगे और कहने की जरूरत नहीं कि पाकिस्तान का भारत विरोधी एजेंडा पहले पायदान पर रहता है.
हमीद की तालिबान से मुलाकात के बाद घटनाक्रम क्या मोड़ लेता है, इस पर विश्लेषकों की पैनी नजर है.