नई दिल्ली. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ हिंसा में तेज वृद्धि की चेतावनी दी है.
टोलो न्यूज ने बताया कि पिछले दो दिनों में आरएसएफ द्वारा पत्रकारों के खिलाफ दर्जनों हिंसक मामले दर्ज किए गए हैं.
आरएसएफ के अफगानिस्तान डेस्क के प्रमुख रेजा मोइनी ने कहा कि पिछले 48घंटों में 24पत्रकारों को तालिबान ने हिरासत में लिया और कई घंटों के बाद रिहा कर दिया.
उन्होंने कहा कि पिछले 48घंटों में आरएसएफ ने अफगानिस्तान में पत्रकारों के खिलाफ दर्जनों हिंसक मामले दर्ज किए हैं.
बुधवार को काबुल में एतिलाट्रोज अखबार ने कहा कि उसके पांच पत्रकारों को तालिबान ने एक महिला विरोध प्रदर्शन को कवर करते हुए हिरासत में लिया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विरोध के दौरान हिरासत में लिए गए दो पत्रकारों ने कहा कि तालिबान ने उन्हें बुरी तरह पीटा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इस बीच, प्रांतों के कुछ पत्रकारों ने कहा कि तालिबान ने उन पर सीमाएं लगा दी हैं.
तालिबान ने हालांकि, पत्रकारों के व्यवहार को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की कोशिश करेंगे.
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा कि हमें पिछले कुछ दिनों में पत्रकारों के साथ हुई घटनाओं पर खेद है. हमने उनकी चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश कर रहे है.
देश के अंदर और बाहर पत्रकारों का समर्थन और बचाव करने वाले संगठनों ने अफगानिस्तान में पत्रकारों की खतरनाक स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है और पत्रकारों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने का आवाहन किया है.