आवाज- द वॉयस/ एजेंसी
ऑस्ट्रिया में उइगर समुदाय ने बुधवार को चीन में उइगरों और अन्य तुर्क लोगों के नरसंहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. वियना में उइघर समुदाय के लोग कोविड 19 के नियंत्रण के बहाने लागू किए जबरिया लॉकाडाउन का विरोध कर रहे थे. उनका कहाना था का पूर्व किया. तुर्किस्तान के इलाके मे लोग बिना भोजन और चिकित्सा सहायता के लोगों को घरों के अंदर कैद हैं.
We all know why #Xi is touring Central Asia. It is about to be hit by international pressure after the @UN report.
— Rushan Abbas (@RushanAbbas) September 15, 2022
"At these UN votes, Kazakhstan & Uzbekistan haven’t been voting along with #China the way Tajikistan and Kyrgyzstan have."#UyghurGenocidehttps://t.co/UU39FDNBc9
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीनी सरकार द्वारा मारे गए उइगरों की तस्वीरें लेकर कई प्रदर्शनकारियों ने क्रिश्चियन-ब्रोडा-प्लात्ज़ से वियना में हेल्डेनप्लात्ज़ तक एक रैली निकाली. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में उइगरों ने भाग लिया और सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन और नरसंहार के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शन का नेतृत्व ऑस्ट्रिया में उइघुर डायस्पोरा के राष्ट्रपति मेवलन दिलशात ने किया था. प्रदर्शनकारियों ने कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों की आड़ में पूर्वी तुर्किस्तान में भूख नरसंहार की चीनी नीति की निंदा की.
चीनी सरकार ने कोविडलॉकडाउन के बहाने निवासियों को उनके घरों में फंसा कर उन्हें भूखा रहने के लिए छोड़ दिया. पूर्वी तुर्किस्तान के सोशल मीडिया पर सैकड़ों वायरल वीडियो और अन्य पोस्ट में पूर्वी तुर्किस्तान के परिवारों को अपने घरों में हफ्तों तक बंद रहने के बाद भुखमरी से पीड़ित दिखाया गया है. वीडियो में उइगर चीनी सरकार से उन्हें बाहर निकालने और अपने भूखे बच्चों को खिलाने के लिए खाना लाने की गुहार लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं जो भूख से मर रहे हैं या भूख या तेज बुखार के कारण मर गए हैं, लेकिन उन्हें भोजन या दवा नहीं मिल रही है.
उइगर कार्यकर्ता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर अब इस नए तरीके का इस्तेमाल करने और उइगर जाति को खत्म करने के बहाने आरोप लगा रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी विदेशी सरकार या अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कुछ नहीं किया है.
आज की तारीख में पूर्वी तुर्किस्तान के लोग चीनी निरंकुशता के तहत 70से अधिक वर्षों से नरसंहार, नरसंहार और अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन से पीड़ित हैं.
2014के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी जिनपिंग के प्रशासन के तहत, चीनी सरकार ने ऐसी नीतियों का अनुसरण किया है, जिन्होंने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के, दस लाख से अधिक मुसलमानों (उइगरों के बहुमत) को नजरबंदी शिविरों में कैद कर दिया.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी हिरासत है. हालांकि, चीन सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार करता है कि उसने शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन किया है.