अफगानिस्तान से अमेरिका का हटना एक गलती : यूके रक्षा सचिव

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
गलती
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लंदन. ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का अमेरिका का फैसला एक 'गलती' है, जिसने तालिबान को देश में एक 'गति' प्रदान की है.

शुक्रवार को स्काई न्यूज से बात करते हुए, वालेस ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा दोहा, कतर में वापसी समझौता एक 'बेकार सौदा' था.
 
वालेस ने कहा, "ट्रम्प के समय, जाहिर तौर पर तालिबान के साथ, मुझे लगा कि इस तरह से ऐसा करना एक गलती थी. हम सभी, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में शायद इसका परिणाम भुगतेंगे."
 
"मैं सार्वजनिक रूप से इसके बारे में बहुत स्पष्ट हूं और जब अमेरिकी फैसलों की बात आती है तो यह काफी दुर्लभ बात है, लेकिन रणनीतिक रूप से यह बहुत सारी समस्याएं पैदा करता है और एक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के रूप में, आज हम जो देख रहे हैं, वह बहुत मुश्किल परिस्थिति है."
 
रक्षा सचिव ने कहा, "बेशक मैं चिंतित हूं, इसलिए मुझे लगा कि यह निर्णय लेने का सही समय नहीं है क्योंकि अल कायदा वापस आ जाएगा और निश्चित रूप से वह उस प्रकार के बीडिंग ग्राउंड को पसंद करेगा."
 
देश से ब्रिटिश सैनिकों की वापसी के बारे में बात करते हुए, वालेस ने कहा कि ब्रिटेन के पास अपनी सेना को बाहर निकालने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वहां एक साथ काम करना था.
 
रक्षा सचिव ने यह भी पुष्टि की कि ब्रिटिश नागरिकों और दुभाषियों को देश छोड़ने में मदद करने के लिए ब्रिटेन अफगानिस्तान में 600 सैनिकों को तैनात करेगा.
 
अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि वह दूतावास के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए काबुल हवाई अड्डे पर हजारों सैनिकों को तैनात करेगा.
 
1 मई से शुरू हो रहे अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिकों की वापसी के बाद से युद्धग्रस्त देश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं.
 
तालिबान का दावा है कि उसने अब तक 10 से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है.