अमेरिका को पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ‘निरंतर कार्रवाई’ की उम्मीद

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 19-10-2022
वेदांत पटेल
वेदांत पटेल

 

वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ‘पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक’ टिप्पणी के बाद, अमेरिका ने एक बार फिर दोहराया कि वह पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की उम्मीद करता है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता, वेदांत पटेल ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) एक मीडिया ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के साथ एक मजबूत साझेदारी चाहते हैं और सभी आतंकवादी और आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की उम्मीद करते हैं. और हम सभी क्षेत्रीय और वैश्विक आतंकवादी खतरों को खत्म करने के प्रयास में सहयोग के लिए तत्पर हैं. ’’

इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने बदलती वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति के बारे में बोलते हुए कैलिफोर्निया में एक संबोधन के दौरान कहा कि ‘पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों’ में से एक हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने तर्क दिया कि उन्होंने ऐसा सोचा था,क्योंकि पाकिस्तान के पास अनियंत्रित परमाणु हथियार हैं.

व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर उपलब्ध ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया में डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी के स्वागत समारोह में बिडेन के संबोधन के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘... और जो मुझे लगता है वह शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक हैः पाकिस्तान. बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार.’’

विशेष रूप से, पाकिस्तान ने शनिवार को अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम को स्पष्टीकरण के लिए तलब किया, जब राष्ट्रपति बिडेन ने पाकिस्तान को ‘दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक’ के रूप में वर्णित किया. इस बीच, अमेरिका ने रविवार (स्थानीय समयानुसार) अपने परमाणु शस्त्रागार को सुरक्षित करने की पाकिस्तान की क्षमता पर राष्ट्रपति जो बाइडेन के अलार्म पर पीछे हट गए और कहा कि देश अपने परमाणु हथियार सुरक्षित कर सकता है.

आज फिर पटेल ने कहा, ‘‘मैं फिर से दोहराऊंगा कि अमेरिका ने हमेशा सुरक्षित और समृद्ध पाकिस्तान को देखा है, जो अमेरिकी हितों के लिए महत्वपूर्ण है और अधिक व्यापक रूप से अमेरिकी मूल्यों के लिए, हमारा दीर्घकालिक सहयोग है.’’

पाकिस्तान ने हमेशा आतंक का शिकार होने के अपने झूठे आख्यान बेचे हैं, हालांकि, कई बार इसकी दोहरी पकड़ पकड़ी गई है. इसके अलावा, कई आतंकवादी समूह जानबूझकर पाकिस्तानी राज्य द्वारा अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाए गए थे. हालांकि, विभिन्न आतंकवादी संगठनों को नियंत्रित करने की इसकी क्षमता असमान है और उनमें से कुछ अपने निर्माता के खिलाफ हो गए हैं.

यह इस तथ्य को स्थापित करता है कि राज्य के उद्देश्यों के लिए आतंकवादी संगठनों का उपयोग करने से राज्य की स्थिरता के लिए बहुत ही नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. पटेल ने कहा, ‘‘पाकिस्तान जैसे आतंकवाद से कुछ देशों को नुकसान हुआ है और खतरों से निपटने में साझा रुचि है - क्षेत्रीय अस्थिरता और टीटीपी जैसी आंतरिक सुरक्षा.’’

विशेष रूप से, पाकिस्तान कई मुद्दों पर तालिबान से नाराज है, लेकिन चरमपंथी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से अधिक, जिसे वह एक गंभीर खतरा मानता है. टीटीपी अफगान तालिबान द्वारा संरक्षित है, जो ज्यादातर अफगानिस्तान में सीमावर्ती इलाकों में आश्रय है और अब पाकिस्तान के स्वात और आसपास के कबायली इलाकों में फिर से संगठित हो रहा है.

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के ‘गुण’ पर सवाल उठाया और कहा कि इस्लामाबाद के साथ वाशिंगटन के संबंधों ने ‘अमेरिकी हित’ की सेवा नहीं की है. जयशंकर ने वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह एक ऐसा रिश्ता है जिसने न तो पाकिस्तान की अच्छी तरह से सेवा की है और न ही अमेरिकी हितों की सेवा की है.’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन को पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े के लिए एक जीविका पैकेज प्रदान करने के वाशिंगटन के फैसले पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया. जयशंकर ने जोर देकर कहा, ‘‘यह वास्तव में आज संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए इस रिश्ते की खूबियों और इससे उन्हें क्या मिलता है, इस पर चिंतन करना है.’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘किसी के कहने के लिए मैं ऐसा कह रहा हूं, कि यह सभी आतंकवाद विरोधी सामग्री है और इसलिए जब आप एफ-16 की क्षमता जैसे विमान की बात कर रहे हैं, जब हर कोई जानता है, तो आप जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है और उनका उपयोग किया जा रहा है. आप हैं ये बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते.’’ जयशंकर ने दृढ़ता से कहा, ‘‘अगर मैं एक अमेरिकी नीति-निर्माता से बात करता, तो मैं वास्तव में मामला (उस) को देखता कि आप क्या कर रहे हैं.’’