अमेरिका ने तुर्की को लड़ाकू हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को बेचने से रोका

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 11-03-2021
अमेरिका ने लगाई रोक, तुर्की लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं बेच पाएगा पाकिस्तान को
अमेरिका ने लगाई रोक, तुर्की लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं बेच पाएगा पाकिस्तान को

 

अंकारा, तुर्की. तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलिन ने कहा, अमेरिका ने तुर्की को पाकिस्तान में स्थानीय स्तर पर निर्मित 30 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति करने से रोक दिया है.

डेली सबाह ने बताया कि सोमवार को एक ब्रीफिंग के दौरान, कलिन ने उल्लेख किया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को तुर्की की हेलीकॉप्टर बिक्री को अवरुद्ध कर दिया है, जिसके कारण अब इस्लामाबाद को इन्हें चीन से खरीदना पड़ेगा और इससे वाशिंगटन के लिए और अधिक खतरा पैदा हो जाएगा.

डॉन के अनुसार, टीएके-12 एक ट्विन-इंजन, टेंडेम सीट, मल्टी-रोल, ऑल-वेदर अटैक हेलिकॉप्टर है, जो अगस्ता ए129 मंगुस्टा प्लेटफॉर्म पर आधारित है और यह अमेरिकी इंजनों से लैस है.

तुर्की और पाकिस्तान ने जुलाई 2018 में तुर्की निर्मित हेलीकॉप्टर गन शिप के लिए 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन डिलीवरी की तारीख को पीछे धकेल दिया गया, जब पेंटागन ने तुर्की की कंपनी को इंजनों के लिए निर्यात लाइसेंस जारी करने से इनकार कर दिया.

अमेरिका की नाकाबंदी तुर्की पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव के रूप में है, जो रूस से एस-400 मिसाइल खरीदने के अंकारा के फैसले से शुरू हुई.

अमेरिका ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और वाशिंगटन में प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बैठक से कुछ दिन पहले जुलाई 2019 में पहली नाकेबंदी की घोषणा की थी.

जनवरी 2020 में, तुर्की के डिफेंस इंडस्ट्रीज (एसएसबी) के प्रमुख ने कहा था कि अंकारा और इस्लामाबाद ने सुचारु वितरण सुनिश्चित करने के लिए डिलीवरी डील को एक साल और बढ़ा दिया है. समझौते में पाकिस्तान को चीनी जेड-10 हेलीकॉप्टर खरीदने का विकल्प दिया गया है.

तुर्की मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि तुर्की निर्मित टी-129 एटीएके हेलीकाप्टर अभी भी पाकिस्तान सेना की खरीदारी सूची में है.

अगस्त 2020 में, तुर्की ने निर्यात लाइसेंस हासिल करने के लिए अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस की पैरवी करने के लिए एक वाशिंगटन लॉ फर्म को नियुक्त किया है, जो पाकिस्तान के साथ उसके सबसे बड़े रक्षा सौदे को पूरा करने में मदद करेगी.

हालांकि, ताजा नाकाबंदी से दोनों सहयोगियों को इस समझौते को रद्द करने के लिए मजबूर होने की संभावना है, क्योंकि इस्लामाबाद अन्य विकल्पों की ओर देख रहा है. 

डॉन के अनुसार अंकारा में की गई घोषणा पर टिप्पणी के लिए वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.