इंडो-पैसिफिक सुरक्षा पर अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया वार्ता

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-12-2025
US-Australia Dialogue on Indo-Pacific Security
US-Australia Dialogue on Indo-Pacific Security

 

वॉशिंगटन

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोमवार को वॉशिंगटन में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों—विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस—के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर वार्षिक उच्चस्तरीय बातचीत की। बैठक का मुख्य फोकस इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती आक्रामकता, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर और ताइवान के प्रति उसके रुख, का मुकाबला करने पर रहा।

बैठक ऐसे समय हुई जब दुनिया की निगाहें रूस–यूक्रेन युद्ध, ग़ज़ा में जारी नाजुक युद्धविराम और पश्चिमी गोलार्ध में संदिग्ध ड्रग तस्करों पर अमेरिका की सैन्य कार्रवाई पर भी टिकी हैं।रुबियो ने कहा, “अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी बेहद मजबूत है। हम इस गठबंधन को नई गति के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। महत्वपूर्ण खनिज, रक्षा उत्पादन और सैन्य तैनाती जैसे क्षेत्रों में हमारा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।”

हालांकि चारों नेताओं ने शुरुआती टिप्पणियों में चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन यह सर्वविदित है कि बीजिंग की गतिविधियाँ वर्षों से अमेरिका–ऑस्ट्रेलिया संबंधों का प्रमुख मुद्दा रही हैं।

रुबियो–वॉन्ग की अलग बैठक

चारों नेताओं की संयुक्त वार्ता के बाद रुबियो और वॉन्ग ने अलग बैठक की। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, दोनों ने “मुक्त और खुला इंडो-पैसिफिक” सुनिश्चित करने, ऑनलाइन धोखाधड़ी नेटवर्क पर लगाम लगाने और प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक अवसंरचना परियोजनाओं को बढ़ाने पर चर्चा की।

महत्वपूर्ण खनिजों पर ट्रंप–अल्बनीज़ समझौता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने अक्टूबर में व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता तब हुआ जब चीन ने अपने महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर सख्त नियम लगा दिए—ये खनिज मोबाइल फोन से लेकर लड़ाकू विमानों तक की तकनीक के लिए अनिवार्य हैं।

रुबियो ने कहा, “हमें ऐसे सप्लाई चेन चाहिए जो विश्वसनीय हों, विविध हों और किसी एक देश पर निर्भर न हों, ताकि इन्हें हमारे खिलाफ दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल न किया जा सके।”

AUKUS समझौता: साझेदारी नई दिशा में

वार्ता में AUKUS समझौता भी केंद्रीय रहा—यह अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ वह करार है जिसके तहत अमेरिका की परमाणु तकनीक से संचालित पनडुब्बियों का निर्माण ऑस्ट्रेलिया में किया जा रहा है।पेनी वॉन्ग ने कहा, “AUKUS हमारे और अमेरिका–ब्रिटेन के लिए सुरक्षा और समृद्धि का साझा लाभ देता है। हम पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”

हेगसेथ ने भी इसे दोहराते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा अमेरिकी पनडुब्बी निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए 1 बिलियन डॉलर सहयोग करना दोनों देशों के लिए बड़ा कदम है।रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने निष्कर्ष में कहा, “हम एक ऐसे दौर में हैं जहाँ वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। ऐसे समय में मित्र देशों के साथ संबंध मजबूत करना अनिवार्य है—और ऑस्ट्रेलिया के लिए अमेरिका सबसे महत्वपूर्ण साझेदार है।”