नई दिल्ली. उत्तरी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में गिरफ्तार की गई एक उइगर मुस्लिम महिला ने एक श्रमिक शिविर में नजरबंदी के दौरान हुई शारीरिक यातना को याद करते हुए कहा कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसके निजी अंगों तक को प्रताड़ित किया गया. अखबार ने तुर्सुनय जियावुदुन के हवाले से कहा, "मेरे शरीर पर निशान रह गए हैं जिससे मैं खुद नहीं देखना चाहती हूं."
रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने कहा, उन्होंने मुझे नसबंदी की गोलियां दीं. मुझे पूरा यकीन है कि इसीलिए अब मुझे बच्चा नहीं हो सकता है.
2016 के आसपास से, उइगरों को सड़कों से हटा दिया गया और पुन: शिक्षा शिविरों में भेज दिया गया, जहां लोगों को प्रताड़ित करने, दुष्कर्म करने और यहां तक कि मारे जाने की खबरें सामने आई हैं. न्यूयॉर्क पोस्ट ने कहा कि उन्हें एक व्यापार सीखने और उनकी देशभक्ति को मजबूत करने का झांसा देकर वहां भेजा जाता है.
2017 में, जियावुदुन को गिरफ्तार कर लिया गया, पुलिस अधिकारियों ने उसका पासपोर्ट वापस करने के लिए मजबूर किया और उसके गांव से लगभग 30 मिनट की दूरी पर एक जेल शिविर में ले जाया गया.
वहां, उसे देशभक्ति के कम्युनिस्ट गीत गाने के लिए कहा गया और बार-बार कहा गया कि उसका मुस्लिम धर्म मौजूद नहीं है. एक महीने के बाद, उसे पेट की समस्या हो गई, वह बेहोश हो गई और उसे छोड़ दिया गया.
2020 में एक राजनीतिक शरणार्थी के रूप में अमेरिका आई जियावुदुन ने कहा ,उन्होंने मुझे अस्पताल भेजा. अगर वे नहीं होते तो मैं मर जाती.
गिरफ्तार किए जाने के एक साल बाद, उसे एक पुलिस स्टेशन बुलाया गया और बताया गया कि उसे अपना प्रशिक्षण पूरा करने की जरूरत है.
उसे वापस 'री-एजुकेशन' कैंप में भेज दिया गया, जहां उसके बाल काटे गए थे.
जियावुदुन ने कहा, "उन्होंने मेरे कानों की बाली को इतने जारे से खींचा कि मेरे कानों से खून बह रहा था. मेरे साथ एक जानवर की तरह व्यवहार किया गया."