कनाडा में भारतीय मूल के दो गैंस्टर की गोली मारकर हत्या

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 26-07-2022
कनाडा में भारतीय मूल के दो गैंस्टर की गोली मारकर हत्या
कनाडा में भारतीय मूल के दो गैंस्टर की गोली मारकर हत्या

 

आवाज द वॉयस /न्यूयॉक
 
कनाडा में भारतीय मूल के दो गैंस्टरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दस दिन पहले रिपुदमन सिंह मलिक की इसी तरह हत्या कर दी गई थी. वह एयर इंडिया के एक विमान पर बमबारी के आरोप से बरी कर दिया गया था.
 
व्हिस्लर के ब्रिटिश कोलंबिया रिसॉर्ट गांव में रविवार को मेनिंदर धालीवाल और सतिंदर गिल की हत्या कर दी गई.दोनों एक सार्वजनिक स्थान पर कार में बैठे हुए थे, तभी दिन के उजाले में गोली मार के शिकार हो गए. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक कार भी पास में जलती हुई पाई गई.
 
अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि ताजा हत्याओं के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.लेकिन मलिक की हत्या में अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
 
बता दें कि धालीवाल, अपने भाई बरिंदर के साथ, उन छह लोगों की सूची में शामिल था, जिनके नाम पिछले साल वैंकूवर पुलिस विभाग ने गैंगस्टर के तौर पर जारी किए थे. सावधान किया गया था कि इनसे जनता की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
 
पुलिस प्रमुख एडम पामर ने उनकी तस्वीरें जारी करते हुए चेतावनी दी, हमारी पुलिस खुफिया हमें यह विश्वास दिलाती है कि आज हमने जिन व्यक्तियों की पहचान की है, वे प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों द्वारा लक्षित हो सकते हैं.
 
वैंकूवर पुलिस ने बताया कि धालीवाल ब्रदर्स कीपर (बीके) के नाम से जाने जाने वाले गिरोह के सदस्य हैं, जबकि गिल को गिरोह में शामिल होने के लिए नहीं जाना जाता है.
 
एक अखबार की वेबसाइट के मुताबिक धालीवाल के भाई की पिछले साल अप्रैल में हत्या कर दी गई थी.बताया गया कि इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम  ने पुष्टि की कि धालीवाल और गिल को निशाना बनाया गया है और हत्या ब्रिटिश कोलंबिया के लोअर मेनलैंड क्षेत्र में चल रहे गैंगवार का नतीजा है.
 
कहा गया है कि पिछले साल धालीवाल के भाई हर्ब की वैंकूवर रेस्तरां के बाहर हत्या कर दी गई थी, जब वह उनके और बरिंदर के साथ थे.
 
मेनिंदर ने बंदूकधारी फ्रेंकोइस गौथियर का पीछा किया और उसकी आंख में छुरा घोंप दिया था.
 
अखबार द सन के मुताबिक, गौथियर ने पिछले महीने कनाडा की एक अदालत में हत्या को अंजाम देने की बात स्वीकार की थी और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
 
इसमें कहा गया है कि मेनिंदर और बरिंदर दोनों पर पहले भी कई बार गोलियों से हमला हो चुका है.
 
रिपुदमन सिंह को एयर इंडिया की कनिष्क की बमबारी से जुड़े आरोपों से बरी कर दिया गया था, जिसमें 1985 में कनाडा से भारत की उड़ान में बोइंग 747 में सवार सभी लोग मारे गए थे.
 
वह सिख अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का समर्थक था. बाद में भारत सरकार के साथ शांति स्थापित करने को राजी हो गया.
 
इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था, मैं आपको अपने द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व सकारात्मक कदमों के लिए अपनी गहरी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं.
 
लंबे समय से चली आ रही सिख मांगों और शिकायतों का निवारण करें. ”