लंदन में तिब्बती, हांगकांग और उइगर समुदायों ने किया विरोध प्रदर्शन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 02-10-2021
लंदन में तिब्बती, हांगकांग और उइगर समुदायों ने किया विरोध प्रदर्शन
लंदन में तिब्बती, हांगकांग और उइगर समुदायों ने किया विरोध प्रदर्शन

 

लंदन. तिब्बती, हांगकांग और उइघुर समुदायों के एक गठबंधन ने शुक्रवार  को (स्थानीय समय) मध्य लंदन में चीन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती को लेकर चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

चीनी सरकार द्वारा जारी क्रूर कार्रवाई की निंदा करने के लिए सैकड़ों लोग मध्य लंदन की सड़कों पर उतर आए. यह विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को चीन के 72वें राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था.

हर साल, चीन 1अक्टूबर 1949को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की औपचारिक घोषणा के उपलक्ष्य में 1अक्टूबर को राष्ट्रीय दिवस मनाता है.

तिब्बत और चीन के सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए वैश्विक गठबंधन के संस्थापक और संयोजक सेरिंग पासांग ने कहा, “माओ त्सेतुंग के तहत, 72साल पहले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने तिब्बत और पूर्वी तुर्किस्तान गणराज्य पर आक्रमण की घोषणा की. माओ ने आक्रमण को ‘शांतिपूर्ण मुक्ति’ कहा. तिब्बत और पूर्वी तुर्किस्तान की ‘शांतिपूर्ण मुक्ति’ में लाखों तिब्बतियों और उइगर लोगों की जान चली गई.”

पासांग ने आगे कहा, “चीनी शासन के सैन्य कब्जे और दमनकारी नीति के शिकार तिब्बती और उइगर के लिए, जब तक चीन तिब्बत और पूर्वी तुर्किस्तान पर अवैध रूप से कब्जा करना जारी रखता है, तब तक जश्न मनाने के लिए कुछ भी नहीं है.”

पासांग ने हांगकांग में बुनियादी अधिकारों को बहाल नहीं करने के लिए चीनी सरकार की भी आलोचना की.

उन्होंने कहा, “हांगकांग के लोगों के लिए जश्न मनाने के लिए कुछ भी नहीं है, जब तक कि बीजिंग यूके-चीन संयुक्त घोषणा की अवहेलना करता है और हांगकांग में बुनियादी अधिकार बहाल नहीं होते हैं.”

तिब्बत पर बीजिंग स्थित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार का शासन है, जिसमें स्थानीय निर्णय लेने की शक्ति चीनी पार्टी के अधिकारियों के हाथों में केंद्रित है. चीनी सरकार असंतोष की आवाजों को दबाने के लिए ‘अलगाववाद को उकसाने’ जैसे आरोपों का इस्तेमाल करती है.

इस बीच, हांगकांग में लोगों को बढ़ती पुलिसिंग और कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है.

पिछले वर्षों में, चीन को शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर सामूहिक निरोध शिविरों में भेजने, उनकी धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने और उन्हें जबरन श्रम सहित दुर्व्यवहार के अधीन करने के लिए वैश्विक स्तर पर फटकार लगाई गई है.

दूसरी ओर, बीजिंग ने इस बात का जोरदार खंडन किया है कि वह शिनजियांग में उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन में लिप्त है, जबकि पत्रकारों, गैर सरकारी संगठनों और पूर्व बंदियों की रिपोर्टें सामने आई हैं, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की जातीय समुदाय पर क्रूर कार्रवाई को उजागर किया गया है.