रियाद. जुमेरात यानि 27 मई गुरुवार को दोपहर 12.18 बजे सूर्य काबा के ऊपर दिखाई देगा. यह साल में पहली बार होगा. जेद्दा एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन ने यह खुलासा किया है.
एसपीए और सबक वेबसाइट के अनुसार, खगोलीय संघ के प्रमुख डॉ माजिद अबू जहीर ने कहा कि काबा के ऊपर सूर्य के दिखाई देने की घटना इसलिए होती है, क्योंकि काबा भूमध्य रेखीय है और कर्क की कक्षा के बीच स्थित है.
अपने घूर्णन के दौरान, सूर्य मई के महीने में भूमध्य रेखा से कर्क राशि की कक्षा में चला जाता है और जैसे ही यह घूमता है, सूर्य काबा के ऊपर उगता है.
माजिद अबू जहीर ने कहा कि जब सूर्य काबा के ऊपर दिखाई देता है, यह अपने उच्चतम बिंदु पर पहुँच जाता है, यानि लगभग 90 डिग्री पर. यह वह क्षण है, जब काबा की छाया गायब हो जाती है.
उन्होंने कहा कि अरब देशों, अफ्रीका, यूरोप, चीन, रूस और पूर्वी एशिया के लोग, उत्तरी धु्रव के पड़ोसी, काबा के ऊपर सूर्य को देखकर किबला की दिशा निर्धारित कर सकते हैं. प्राचीन काल में किबला की दिशा निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि रिजल्ट के मामले में किसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से कम नहीं है.