पाकिस्तान में आई भयंकर बाढ़ की वजह कहीं बलूचिस्तान के 12 बांधों की खस्ताहाली तो नहीं ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-08-2022
पाकिस्तान में आई भयंकर बाढ़ की वजह कहीं बलूचिस्तान के 12 बांधों की खस्ताहाली तो नहीं ?
पाकिस्तान में आई भयंकर बाढ़ की वजह कहीं बलूचिस्तान के 12 बांधों की खस्ताहाली तो नहीं ?

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान में आई भयंकर बाढ़ की वजह चाहे जो बताए, पर हकीकत यह है कि इस प्रदेश के 12 बांधों और सड़कों की खस्ताहाली ने हालात ऐसा पैदा कर दिए हैं कि लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. बाढ़ प्रभावितों तक जरूरी सहायता भी नहीं पहुंच रहे है. सैकड़ों की संख्या में लोग बाढ़ की चपेट मंे आकर जान गंवा चुके है.

.बलूचिस्तान में खस्ताहाली के कारण कम से कम 12 बांध भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कई जगह से दरक गए., जबकि बलूचिस्तान सरकार ने शुक्रवार को इन आरोपों को खारिज किया है घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार के कारण बांधों में दरारें आई हैं. यदि ऐसा नहीं है तो 12 बांधों का टूटना क्या बताता है ? इस सवाल पर वह चुप्पी साध जाते हैं.
 
‘द बलूचिस्तान पोस्ट ’ की एक खबर के अनुसार,भारी मॉनसून की बारिश ने अधिकांश क्षेत्र को प्रभावित किया है, लेकिन बलूचिस्तान अस्वाभाविक रूप से प्रभावित हुआ है.बलूचिस्तान के मुख्य सचिव के अनुसार, 1 जून से अब तक भारी बारिश से 124 लोगों की मौत हुई है और 10,000 घरों को नुकसान पहुंचा है.
 
उन्होंने कहा कि बारिश ने 565 किलोमीटर से अधिक सड़कों और लगभग 200,000 एकड़ कृषि भूमि को भी क्षतिग्रस्त किया है.उन्होंने कहा कि भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से 17,500 लोग प्रभावित हुए हैं.
 
भ्रष्टाचार और खराब निर्मित बांधों और सड़कों के आरोपों के जवाब में, प्रांतीय मंत्री सैयद एहसान शाह, मीर नसीबुल्लाह खान और गृह और जनजातीय मामलों के मुख्यमंत्री के सलाहकार मीर जियाउल्लाह लांगोव, सिंचाई मंत्री मुहम्मद खान लहरी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. मोहम्मद खान लहरी ने कहा कि बलूचिस्तान के अलग-अलग इलाकों में जिन 12 बांधों ने रास्ता दिया, उनका निर्माण खराब तरीके से नहीं हुआ.
 
एम के लहरी ने कहा कि एक निरीक्षण दल को बांधों के टूटने के कारणों का पता लगाने के साथ अन्य बांधों को हुए नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि 16 पुल भी बह गए, जिससे बलूचिस्तान और अन्य प्रांतों के बीच सड़क संपर्क टूट गया.
 
उन्होंने कहा, हम सभी राजमार्गों और लिंक सड़कों पर जल्द से जल्द यातायात बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है.बलूचिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री सैयद एहसान शाह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सुविधा मुहैया करा रहा है. शिक्षा मंत्री नसीबुल्लाह खान और सीएम के सलाहकार मीर जियाउल्लाह लैंगोव ने कहा कि सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया करा रही है.
 
दूसरी ओर राष्ट्रवादियों समेत सामाजिक और अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने ऐसे कठिन समय में बलूचिस्तान के लोगों की उपेक्षा की है. उनका दावा है कि बारिश और बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली है.
 
बलूचिस्तान में सामाजिक सुधारों के लिए अभियान चलाने वाले संगठन, बलूच यकजेहती कमेटी के कराची अध्याय ने भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों की सहायता के लिए स्वयंसेवी कार्यक्रम का नेतृत्व किया है.
 
बीवाईसी कराची की आयोजक आमना बलूच ने आम जनता से स्वयंसेवी परियोजना में भाग लेने और भाग लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ ने बलूचिस्तान के लोगों के जीवन को उल्टा कर दिया है.
 
बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री जाम कमाल खान ने कहा है कि लासबेला में बाढ़ पीड़ित राहत का इंतजार कर रहे हैं जबकि सरकार राहत देने में नाकाम रही है.जाम कमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मानसून की बारिश और बाढ़ ने लासबेला के कई इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है और नुकसान भी ज्यादा हुआ है.
 
उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार बाढ़ पीड़ितों और संकटग्रस्त लोगों को राहत प्रदान करने में विफल रही है.उन्होंने कहा कि कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग अपनी ही मदद से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. कमल ने कहा कि गैर-सरकारी स्वयंसेवी संगठन राहत कार्य कर रहे हैं और पीड़ितों को बहाल करने और संभावित सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं.
 
हाल की बारिश ने बलूचिस्तान के औसत दर्जे के बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से राजमार्गों और पुलों की वास्तविकता को उजागर कर दिया है, जो अचानक बाढ़ में बह गए. बलूचिस्तान की सड़कें दुर्घटना को लेकर खतरनाक मानी जाती हैं. राजमार्गों पर हर साल हजारों दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें सैकड़ों लोग मारे जाते हैं और कई अन्य लोग आजीवन अपंग हो जाते हैं.