फ्रांस में फिर आतंकी घटना: मजहबी नारों के साथ पुलिस कर्मियों पर हमला

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
मजहबी नारों के साथ पुलिस कर्मियों पर हमला
मजहबी नारों के साथ पुलिस कर्मियों पर हमला

 

पेरिस. फ्रांस के समुद्र तटीय रिसॉर्ट कान्स में तीन पुलिस अधिकारियों पर ‘धार्मिक नारे’ लगाने वाले एक चाकूधारी द्वारा गोली मारने और घायल होने से पहले हमला करने के बाद आतंकवादी जांच शुरू की गई है.

यह हमला सोमवार सुबह छह बजे के बाद हुआ जब अब तक अज्ञात व्यक्ति ने शहर के मुख्य पुलिस आयुक्तालय के बाहर कर्मचारियों को ‘पैगंबर के नाम पर’ धमकाया.

एक जांच सूत्र ने कहा, -उसने एक कार का दरवाजा खोला और चाकू मारने लगा. बुलेट प्रूफ जैकेट पहनने वाले अधिकारियों के लिए राहत की बात थी कि उनमें से कोई भी घायल नहीं हुआ.

‘कार के चालक ने दूर खींचने की कोशिश की, जबकि कार की पिछली सीट पर एक अन्य ने गोली चला दी, और वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.’

‘वह पूरे हमले के दौरान पैगंबर का जिक्र करते हुए धार्मिक नारे लगा रहा था. चाकू मारने वाला अब कान्स के एक अस्पताल में गंभीर हालत में है.’

फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने ट्वीट किया, ‘कान्स के एक पुलिसकर्मी को चाकू मारकर घायल कर दिया गया.’

‘हमलावर को उसके सहयोगियों ने बेअसर कर दिया. मैं आज सुबह तुरंत वहां जा रहा हूं और मैं अपना पूरा समर्थन राष्ट्रीय पुलिस और कान शहर को देता हूं.’

कान के मेयर डेविड लिस्नार्ड ने कहा, ‘अधिकारियों में से एक ने अपनी बंदूक के साथ जवाब दिया. कोई मौत नहीं हुई है और हमले की परिस्थितियों को स्पष्ट किया जा रहा है.’

अधिकारियों ने हमलावर को 37 साल का अल्जीरियाई नागरिक बताया, जिसका कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था.

यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि वह उत्तरी अफ्रीकी देश से फ्रांस कब पहुंचा.

दोनों अधिकारियों ने पुष्टि की कि विशेषज्ञ आतंकवाद विरोधी मजिस्ट्रेट अब जांच का नेतृत्व कर रहे हैं.

शूटिंग इस्लामिक स्टेट और फ्रांस में अल-कायदा के गुर्गों द्वारा किए गए बम, बंदूक और चाकू के हमलों की एक श्रृंखला का अनुसरण करती है, जो 2015 की शुरुआत में हुई थी.

देश में अब तक का सबसे घातक एकल आतंकवादी हमला नवंबर 2015 में हुआ था, जब पेरिस में 130 लोग मारे गए थे.

आत्मघाती हमलावरों ने आईएसआईएस के प्रति निष्ठा का वचन देते हुए स्टेड डी फ्रांस, कैफे, रेस्तरां और बाटाक्लान संगीत स्थल को निशाना बनाया, जहां 90 लोग मारे गए.

साल की शुरुआत में, अल-कायदा से जुड़े पेरिस में जन्मे दो बंदूकधारियों ने शार्ली एब्दो व्यंग्य पत्रिका के कार्यालय में तोड़-फोड़ की, जिसमें 17 लोग अंदर और तीन बाहर मारे गए.

जुलाई 2016 में, 86 लोगों को मारा गया था और 400 से अधिक घायल हो गए थे, जब नीस में समुद्र के किनारे सैरगाह पर एक 19 टन के ट्रक को जान-बूझकर भीड़ में ले जाया गया था, जो कि कान्स से सिर्फ 20 मील की दूरी पर है.

आतंकवादी एक ट्यूनीशियाई अप्रवासी निकला, जिसे पुलिस ने मार गिराया.

उसी महीने के दौरान, दो आइसिस आतंकवादियों ने नॉर्मंडी में एक चर्च सेवा के दौरान एक 86 वर्षीय कैथोलिक पादरी की हत्या कर दी.

पिछले साल अक्टूबर में, नीस में नोट्रे डेम बेसिलिका में ट्यूनीशियाई आप्रवासी द्वारा तीन लोगों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी.

कानून और व्यवस्था की ताकतों पर लगातार चाकू से हमले भी हुए हैं, जिनमें सेवारत पुलिस की मौत हुई है.