रूस के पीछे हटने की बात छलावा है: यूक्रेन की सेना

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-03-2022
रूस के पीछे हटने की बात छलावा है: यूक्रेन की सेना
रूस के पीछे हटने की बात छलावा है: यूक्रेन की सेना

 

कीव/लंदन. यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ का कहना है कि रूसी वापसी की बात गुमराह करने के लिए की गई है. बीबीसी ने यह जानकारी दी. फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक दैनिक परिचालन अपडेट में, जनरल स्टाफ ने कहा कि रूसी सेना कीव और चेर्निहाइव दोनों से हट रही है. रूस पहले ही कह चुका है कि वह अब पूर्वी डोनबास क्षेत्र में परिचालन पर ध्यान केंद्रित करेगा.

 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सेना का मानना है कि सेना हटाने की बात 'शायद व्यक्तिगत इकाइयों का एक रोटेशन है', जिसका उद्देश्य यूक्रेन के सैन्य नेतृत्व को गुमराह करना और 'गलतफहमी' पैदा करना है.

 

अपडेट पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी द्वारा दिए गए बयान के अनुसार, कीव के लिए खतरा रूसी सैनिकों के शहर से दूर जाने के बावजूद बना हुआ है.

 

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस के वादे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि "यूक्रेनियन भोले नहीं हैं."

 

इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच मंगलवार को शांति वार्ता शुरू होने के बाद यह संकल्प लिया गया.

 

जेलेंस्की ने कहा कि हम बातचीत के मंच से सुनने वाले संकेतों को सकारात्मक कह सकते हैं, लेकिन ये संकेत रूसी गोले के विस्फोट को शांत नहीं करते हैं. अन्य देशों ने भी सावधानी के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की.

 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, "मैं इसमें तब तक कुछ नहीं कहता, जब तक मैं यह नहीं देख लेता कि उनकी हरकतें क्या हैं." अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि रूस के कहने और करने में अंतर है.

 

ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं ने भी पश्चिम से रूस के खिलाफ अपना पहरा ना छोड़ने का आग्रह किया है.

 

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यालय के अनुसार, "वे सहमत है कि जब तक यूक्रेन पर आतंक खत्म नहीं हो जाता, तब तक पश्चिमी संकल्प में कोई ढील नहीं दी जा सकती है."