आवाज द वाॅयस / कंधार कंधार
कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में तालिबान और अफगानिस्तान बलों के संघर्ष में मारे गए भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को लेकर हो रही किरकिरी से बचने के लिए तालिबानियों ने नया पैंतरा अपनाया है.
इसने दानिश की मौत की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा,‘‘ हमें भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मृत्यु के लिए खेद है. हमें खेद है कि पत्रकार हमें बिना बताए युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं.’’
उल्लेखनीय है कि तालिबानों के युद्ध मंे पत्रकारों के मारे जाने पर यूएन चिंता प्रकट कर चुका है.इस बारे मंे तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने सीएनएन-न्यूज 18से कहा,“हमें नहीं पता कि किसकी गोलीबारी से पत्रकार मारा गया. हम नहीं जानते कि उनकी मृत्यु कैसे हुई.’’
उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी पत्रकार को हमें सूचित करना चाहिए. हम उस व्यक्ति विशेष की उचित देखभाल करेंगे. उन्होंने कहा “हमें भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मृत्यु के लिए खेद है. हमें खेद है कि पत्रकार हमें बिना बताए युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं.
38 वर्षीय सिद्दीकी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए कंधार प्रांत में अफगानिस्तान-तालिबान संघर्ष को कवर कर रहे थे, जहां वह कथित तौर पर एक वरिष्ठ अफगान अधिकारी के हाथों मारे गए. इस बारे में राॅयटर्स का कहना है कि अफगान विशेष बल स्पिन बोल्डक के मुख्य बाजार क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने के लिए लड़ रहे थे. तभी यह हादसा हुआ.
घटना पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा,‘‘काबुल में हमारे राजदूत अफगान अधिकारियों के संपर्क में हैं. हम उनके परिवार को घटनाक्रम से अवगत करा रहे हैं.’’
दानिश सिद्दीकी की मौत पर युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अफसोस जताते हुए ट्विट किया, वह अपने पीछे असाधारण काम छोड़ गए. उन्होंने फोटोग्राफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता और कंधार में अफगान सेना में शामिल हो गए. नीचे उनकी एक तस्वीर साझा कर रहा हूं. गंभीर सांत्वना.’’
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 16, 2021