तालिबान ने हजारा समुदाय के 13 लोगों को मार डाला, मृतकों में 17 साल की लड़की भीः एमनेस्टी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-10-2021
तालिबान ने 13 हजारों को मार डाला, मृतकों में 17 वर्षीय लड़की भीः एमनेस्टी इंटरनेशनल
तालिबान ने 13 हजारों को मार डाला, मृतकों में 17 वर्षीय लड़की भीः एमनेस्टी इंटरनेशनल

 

आवाज द वाॅयस  / नई दिल्ली

तालिबान बलों ने अफगानिस्तान के दयानकुंडी प्रांत में 17वर्षीय लड़की सहित 13हजारों को मार डाला. एमनेस्टी इंटरनेशनल की जांच में यह खुलासा किया गया है.हत्याएं 30अगस्त को खिदिर जिले के कहोर गांव में हुईं. पीड़ितों में से ग्यारह अफगान राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा बलों के पूर्व सदस्य थे, और दो आम नागरिक.

एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा एकत्रित गवाहों के अनुसार, तालिबान ने एएनडीएसएफ के नौ सदस्यों के आत्मसमर्पण करने के बाद भी मार डाला. इसे युद्ध अपराध बताया जा रहा है.एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है,जब तालिबान ने लोगों की भीड़ पर गोलियां चलाईं तो एक 17वर्षीय लड़की की भी मौत हो गई.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हत्याओं के बाद ली गई तस्वीरों और वीडियो सबूतों से इसकी पुष्टि की. साथ ही कहोर गांव के उस स्थान की भी पहचान की है, जहां यह घटना घटी.एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, ‘‘ये इस बात का सबूत है कि तालिबान वही भयानक दुर्व्यवहार कर रहे हैं जिसके कारण वे अफगानिस्तान के अपने पिछले शासन में कुख्यात थे.‘‘

 उन्होंने कहा,‘‘वे बार-बार उन लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं जिन्हें वे अपना विरोधी मानते हैं. यहां तक कि उन लोगों को भी मारते हैं जो पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं.इससे पहले तालिबान कह चुके हैं वे पिछली सरकार के कर्मचारियों को निशाना नहीं बनाएंगें, लेकिन ये हत्याएं इन दावों का खंडन है.

तालिबान को तुरंत बदला लेने के इन क्रूर कृत्यों को रोकना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि पूर्व सरकार के कर्मचारी और उनके परिवार अफगानिस्तान में सुरक्षित रह सकेंगे. नई सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इस तरह के गंभीर उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा.‘‘

अगस्त 2021में अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद से तालिबान द्वारा किए गए मानवाधिकारों के हनन को सत्यापित करना मुश्किल है, क्योंकि समूह ने कई क्षेत्रों में मोबाइल फोन सेवा ठप कर रखी है.काबुल के पतन के कुछ समय बाद, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दस्तावेज इकट्ठा किया कि कैसे तालिबान लड़ाकों ने गजनी प्रांत पर नियंत्रण करने के बाद हजारा पुरुषों का नरसंहार किया.

तालिबान ने 14अगस्त को दयाकुंडी प्रांत पर कब्जा कर लिया था.